चेन्नई: तमिलनाडु के 18 वर्षीय डी गुकेश ने इतिहास रचते हुए “विश्व शतरंज चैंपियनशिप” का खिताब अपने नाम किया। इस उपलब्धि के लिए तमिलनाडु खेल विकास प्राधिकरण (एसडीएटी) द्वारा चेन्नई के कलैवनार आरंग में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन, ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद और अन्य प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।
गुकेश का भव्य स्वागत:
खुले छत वाली कार में समारोह स्थल पर पहुंचे गुकेश का जनता ने जोरदार तालियों और बधाइयों के साथ स्वागत किया। गुकेश ने इस मौके पर कहा, “चेन्नई शतरंज की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक है। तमिलनाडु सरकार और ग्रैंडमास्टर्स के समर्थन के बिना यह यात्रा संभव नहीं हो सकती थी।”
मुख्यमंत्री ने किया बड़ा ऐलान:
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घोषणा की कि विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर गुकेश को 5 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दी थी और व्यक्तिगत रूप से फोन कर प्रशंसा व्यक्त की थी।
गुकेश की ऐतिहासिक उपलब्धि:
गुकेश ने सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब जीता। वह 18 साल की आयु में यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के सबसे युवा शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड रूस के गैरी कास्पारोव के नाम था, जिन्होंने 22 साल की उम्र में 1985 में यह खिताब जीता था।
भारत के दूसरे विश्व चैंपियन:
गुकेश, विश्व शतरंज चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने यह खिताब 4 बार जीता था। गुकेश ने अपनी इस सफलता से देश और तमिलनाडु का नाम विश्वभर में रोशन किया है।
शतरंज की नई ऊंचाइयों पर भारत:
गुकेश की इस सफलता ने भारत को शतरंज की दुनिया में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। उनकी प्रेरणादायक यात्रा युवाओं के लिए एक मिसाल है और तमिलनाडु को शतरंज का प्रमुख केंद्र बनाने में योगदान दे रही है।