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साउथ-ईस्ट एशिया में साइबर घोटाले से फंसे 2,358 भारतीयों को बचाया गया, सरकार ने दी व्यापक कार्रवाई की जानकारी

2,358 Indians trapped in cyber scam in South-East Asia were rescued, government informed about extensive action

नई दिल्ली: भारत सरकार ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में साइबर घोटाले केंद्रों में फंसे 2,358 भारतीय नागरिकों को बचाने में सफलता हासिल की है। इनमें कंबोडिया से 1,091, लाओस से 770 और म्यांमार से 497 लोगों को मुक्त कराया गया। लोकसभा में शुक्रवार को विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी।

कैसे फंसाए जाते हैं भारतीय नागरिक?
फर्जी नौकरियों के बहाने सॉफ्टवेयर इंजीनियरों सहित भारतीयों को सोशल मीडिया चैनलों के जरिए आकर्षित किया जाता है। उन्हें ऊंचे वेतन, सुविधाजनक यात्रा, वीजा और होटल बुकिंग का वादा किया जाता है। भर्ती एजेंट दुबई, बैंकॉक और सिंगापुर जैसे स्थानों से संचालित होते हैं। इसके बाद उन्हें थाईलैंड से लाओस, कंबोडिया या म्यांमार ले जाया जाता है, जहां उन्हें साइबर अपराध और अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है।

मानसिक और शारीरिक यातना का सामना
घोटाले के शिकार इन भारतीयों को कठोर और अमानवीय परिस्थितियों में बंधक बनाकर रखा जाता है। उन्हें साइबर क्राइम, क्रिप्टो घोटालों और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल किया जाता है। कई बार इन लोगों को खनन और लकड़ी के कारखानों में भी शोषणकारी परिस्थितियों में काम करने पर मजबूर किया जाता है।

सरकार की सक्रिय कार्रवाई और बचाव प्रयास
भारत सरकार ने इन घोटालों को रोकने और फंसे हुए नागरिकों की मदद के लिए व्यापक कदम उठाए हैं:

  1. संबंधित देशों के साथ राजनीतिक संवाद: भारतीय मिशन और केंद्र स्थानीय प्रशासन और एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
  2. जागरूकता अभियान: सोशल मीडिया, रेडियो और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी नौकरी रैकेट के खिलाफ नियमित चेतावनी और प्रचार।
  3. ई-माइग्रेट पोर्टल और शिकायत निवारण: अवैध एजेंटों की सूची अधिसूचित कर उन्हें अपडेट किया जा रहा है।
  4. I4C केंद्र की स्थापना: समन्वित रूप से साइबर अपराध से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना की गई है।

आगे की चुनौतियां और सावधानियां
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फर्जी नौकरी के विज्ञापनों से सतर्क रहें। ई-माइग्रेट पोर्टल और मिशन कार्यालयों से वैध जानकारी लें। साइबर अपराध और फर्जी रिक्रूटमेंट एजेंसियों को रोकने के लिए समन्वित प्रयास जारी हैं।

सरकार की सक्रियता और नागरिकों की सतर्कता इस खतरे को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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