
महाशिवरात्रि के अवसर पर होगा भव्य आयोजन
आंध्र प्रदेश के डॉ. बीआर अंबेडकर कोनसीमा जिले में स्थित अयप्पा स्वामी मंदिर में 60 फुट की आदियोगी (ज्ञानयोगी) प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। यह कार्यक्रम 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन सुबह 5:30 बजे आयोजित होगा। इस भव्य प्रतिमा को “आंध्र सबरीमाला” के नाम से भी जाना जाता है।
भारत की तीसरी सबसे बड़ी आदियोगी प्रतिमा
कोयंबटूर (तमिलनाडु) और बेंगलुरु (कर्नाटक) में 112 फीट ऊंची आदियोगी मूर्तियों के बाद, यह भारत की तीसरी सबसे ऊंची आदियोगी प्रतिमा होगी।
प्रतिमा का अनूठा स्वरूप
प्रतिमा के सामने विनायक और कुमारस्वामी की झुकी हुई मुद्रा में मूर्तियां हैं। इसके चारों ओर वशिष्ठ, अत्रि, गौतम, कश्यप, भारद्वाज, जमदग्नि, विश्वामित्र और वाल्मीकि महर्षियों की ध्यानमग्न आकृतियां बनाई गई हैं। मंदिर परिसर में अर्धनारीश्वर, नटराज, अनंत पद्मनाभस्वामी और नंदी की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं।
प्रतिमा की विशेषताएं
- 100 फीट चौड़ी यह प्रतिमा भक्तों को ध्यान और साधना के लिए स्थान प्रदान करेगी।
- विशेष प्रवेश द्वार से एक आंतरिक गर्भगृह की ओर जाने का मार्ग होगा, जहां शिवलिंग स्थापित किया जाएगा।
- सीमेंट में मिश्रित काले पदार्थ से बनी यह प्रतिमा 15 वर्षों तक अपने मूल रंग को बरकरार रखेगी।
निर्माण से जुड़े दिलचस्प तथ्य
- 9 महीने में पूरी हुई प्रतिमा का निर्माण
- 5 टन लोहे, 7 लॉरी रेत, 1200 बोरी सीमेंट और 2 लॉरी बजरी का इस्तेमाल
- 25 हजार ईंटों का उपयोग
दानदाताओं के सहयोग से हुआ निर्माण
मंदिर के संस्थापक एस.एल. कनकराज गुरुस्वामी ने बताया कि कर्नाटक में आदियोगी प्रतिमा देखने के बाद उन्होंने इस आध्यात्मिक संरचना को आंध्र प्रदेश में स्थापित करने की कल्पना की। 40 लाख रुपये की लागत से इस प्रतिमा का निर्माण पूरा किया गया। मूर्तिकार कोली वीरा राघव ने टिकाऊ सामग्रियों के उपयोग पर जोर देते हुए इसका नेतृत्व किया, जिससे मूर्ति की दीर्घायु सुनिश्चित की जा सके।