पोर्ट ब्लेयर, भारत के अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का राजधानी शहर है, जो दक्षिण अंडमान द्वीप पर स्थित है और प्रशासनिक रूप से दक्षिण अंडमान जिले का हिस्सा है। यह ऐतिहासिक नगर अपनी पहाड़ी भू-रचना और समृद्ध हरियाली के लिए जाना जाता है। यहाँ की प्राकृतिक संपदाओं में टिम्बर जैसी कीमती लकड़ियों की भरमार है, जो इस क्षेत्र की प्रमुख विशेषता है। इसके अलावा, इस खूबसूरत स्थान पर समुद्र का पानी नीले रंग का दिखाई देता है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता में चार चाँद लगाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “गुलामी के सभी प्रतीकों से देश को मुक्त करने” के संकल्प के तहत यह कदम उठाया गया है। शाह के अनुसार, ‘श्री विजयपुरम’ नाम भारत के स्वतंत्रता संग्राम और इसमें अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के महत्वपूर्ण योगदान को प्रदर्शित करता है।
अमित शाह ने अपने पोस्ट में लिखा, “इस द्वीप का हमारे देश की स्वतंत्रता और इतिहास में अद्वितीय स्थान है।” उन्होंने अंडमान-निकोबार द्वीपों की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि चोल साम्राज्य के दौरान यह एक प्रमुख नौसैनिक अड्डा हुआ करता था और आज यह भारत की सुरक्षा और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
शाह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वही द्वीप है, जहां सबसे पहले तिरंगा फहराया गया था, और इसी भूमि पर वीर सावरकर समेत अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने सेलुलर जेल में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया था। पोर्ट ब्लेयर, जिसे अब ‘श्री विजयपुरम’ के नाम से जाना जाएगा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी और प्रमुख प्रवेश द्वार है।
इस नाम परिवर्तन के पीछे सरकार का उद्देश्य केवल औपनिवेशिक पहचान को मिटाना नहीं, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को सम्मान देना और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करना भी है।