शनिवार 14 सितंबर, 2024 की सुबह वहां की पुलिस ने पुष्टि की कि, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर के संयुक्त ऑपरेशन में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। फिलहाल ऑपरेशन जारी है। ऐसा इसलिए क्योंकि खुफिया इनपुट के जरिए मिली जानकारी से पता चला कि वहां कुछ आतंकवादी छिपे हुए हैं। सूचना के बाद 13-14 सितंबर की आधी रात चक टापर क्रेरी इलाके में ऑपरेशन चलाया गया।
दरअसल, रात को बारामूला में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई, जो पूरी रात जारी रही। अफसरों के मुताबिक इलाके में दो से तीन आतंकी छिपे हुए हैं। फिलहाल आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अभियान जारी है।
शुक्रवार 13 सितंबर को किश्तवाड़ यूटी में हुई मुठभेड़ में एक जेसीओ समेत दो जवान शहीद हो गए, जिसके बाद बारामूला में सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली। अधिकारियों के मुताबिक, छतरू थाना क्षेत्र के नायदघाम गांव के ऊपरी इलाकों में पिंगनल दुगड्डा वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों के सर्च दलों और छिपे हुए आतंकियों के बीच गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में चार जवान घायल हो गए, जिनमें से दो जेसीओ नायब सूबेदार विपन कुमार और सिपाही अरविंद सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर में पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से सेना, सुरक्षा बलों और नागरिकों पर आतंकी हमले हो रहे हैं। आतंकी अचानक घात लगाकर हमला करते हैं और फिर पहाड़ी इलाकों के जंगलों में गायब हो जाते हैं। हमलों के लिए विदेशी आतंकियों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ये आतंकी 40 से 50 की संख्या में हैं। रिपोर्ट के बाद सेना ने उन जिलों के घने जंगलों वाले इलाकों में 4,000 से ज्यादा प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया है, जिनमें एलीट पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित जवान भी शामिल हैं।