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Naval Commanders:नौसेना कमांडरों का 24/2 सम्मेलन 17 सितंबर से शुरू

24/2 conference of naval commanders begins from September 17

भारतीय नौसेना के कमांडरों का बहुप्रतीक्षित 24/2 सम्मेलन 17 सितंबर से शुरू हो गया है। यह सम्मेलन भारतीय नौसेना के उच्चाधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा, नौसेना की भविष्य की रणनीति और भारतीय जल क्षेत्र की सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाती है।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु
इस वर्ष के सम्मेलन का खास फोकस भारतीय नौसेना की ताकत को और अधिक मजबूत करना है, जिसमें स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा दिया जाएगा। भारतीय नौसेना ने पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी दृष्टि से काफी प्रगति की है, और इस सम्मेलन में उन प्रगति को और मजबूत करने के लिए विचार-विमर्श होगा।

राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा
भारतीय नौसेना का मुख्य कर्तव्य देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करना है। सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा होगी, जिसमें चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियाँ, हिंद महासागर क्षेत्र में विदेशी ताकतों की उपस्थिति और समुद्री आतंकवाद जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए नौसेना की नई रणनीतियाँ बनाई जाएंगी और मौजूदा क्षमताओं को और अधिक उन्नत करने के उपायों पर भी चर्चा की जाएगी।

स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भर भारत
भारतीय रक्षा प्रणाली में स्वदेशी तकनीकों और उपकरणों को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नौसेना भी तेजी से अपने बेड़े में स्वदेशी उपकरणों का समावेश कर रही है। इस सम्मेलन में यह तय किया जाएगा कि किस तरह से नौसेना अपनी तकनीकी निर्भरता को घटाकर देश में ही उन्नत युद्धपोत, पनडुब्बियां, और अन्य उपकरणों का निर्माण कर सके। स्वदेशी रक्षा उपकरणों के निर्माण से न केवल नौसेना की क्षमता बढ़ेगी बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद होगा।

तकनीकी विकास और साइबर सुरक्षा
तकनीकी विकास के साथ-साथ साइबर सुरक्षा भी नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। समुद्री युद्ध और रणनीतियाँ अब डिजिटल युग में कदम रख चुकी हैं, और ऐसे में साइबर हमलों का खतरा बढ़ सकता है।

सम्मेलन में नौसेना के शीर्ष अधिकारी देश की बदलती सुरक्षा चुनौतियों, तकनीकी विकास और समुद्री ताकत को और अधिक मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श करेंगे। इस वर्ष के सम्मेलन का खास फोकस स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भर भारत के तहत नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने पर रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उच्च सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में, इस सम्मेलन से भारतीय नौसेना की भविष्य की दिशा तय होने की उम्मीद है। भारतीय समुद्री ताकत को और सशक्त बनाने के लिए नई रणनीतियाँ और योजनाएँ इस सम्मेलन का मुख्य आकर्षण होंगी।

 

 

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