उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ के चलते सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं, जिससे हजारों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। वाराणसी में स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जहां गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वाराणसी की गलियों और सड़कों पर अब नावें चल रही हैं, जो वहां के हालात की गंभीरता को दर्शाती हैं।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों जैसे वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है, जिससे लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं, और बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी हैं। वाराणसी में स्थिति इतनी खराब है कि गलियों में नावों का इस्तेमाल हो रहा है।
पश्चिम बंगाल और बिहार की स्थिति
पश्चिम बंगाल और बिहार में भी बाढ़ की स्थिति विकराल रूप ले चुकी है। खासकर पश्चिम बंगाल के निचले इलाकों में बारिश के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदी किनारे बसे गांवों में पानी भर गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
प्रशासन और राहत कार्य
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है। नावों के जरिए राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि किसी भी महामारी के फैलने से बचा जा सके।
बाढ़ के कारण जीवन अस्त-व्यस्त
बाढ़ ने न केवल लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि सड़कों और फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। इससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और सैकड़ों गांवों में बिजली और पानी की सप्लाई बाधित हो गई है।
इस विकट स्थिति में सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ की लगातार चुनौती बनी हुई है।