भारत के गृह मंत्री अमित शाह के हाल ही में दिए गए एक बयान ने बांग्लादेश की तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। शाह ने भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर बोलते हुए एक ऐसा बयान दिया, जिसने बांग्लादेश की सरकार और वहां की जनता को नाराज कर दिया।
अमित शाह ने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध घुसपैठ की समस्या गंभीर है और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने इस समस्या को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताया और कहा कि अवैध प्रवासियों पर लगाम कसने के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है। इस बयान में उन्होंने अवैध प्रवासियों को “घुसपैठिए” करार देते हुए कहा कि इससे देश की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
शाह के इस बयान के बाद बांग्लादेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई और इसे अपने देश की छवि पर चोट पहुंचाने वाला बताया। बांग्लादेशी अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के बयान से द्विपक्षीय संबंधों में खटास आ सकती है। बांग्लादेश का यह भी कहना है कि दोनों देशों के बीच दोस्ताना और सहयोगपूर्ण संबंधों के बावजूद ऐसे बयानों से अविश्वास की भावना पनप सकती है।
हालांकि, भारत ने इस मामले को तूल न देने की सलाह देते हुए कहा कि यह बयान अवैध घुसपैठ से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से था, न कि बांग्लादेश के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाने के लिए। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि भारत-बांग्लादेश के बीच के संबंध मजबूत हैं और वे इस तरह की स्थितियों को कूटनीतिक ढंग से सुलझाने की कोशिश करेंगे।
यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा सुरक्षा और प्रवास से जुड़े मुद्दे संवेदनशील हैं और इन्हें हल करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा।