क्राइमदेश

Kolkata: आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले पर न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों की भूख हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी

Junior doctors' hunger strike continues indefinitely demanding justice in RG Kar rape-murder case

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने कोलकाता में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत की है, जो तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। 5 अक्टूबर से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में डॉक्टरों ने राज्य सरकार पर लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

मुख्य मांग: आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में न्याय

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग इस हड़ताल का प्रमुख कारण है। डॉक्टरों का कहना है कि सीबीआई की जांच में देरी हो रही है और न्याय दिलाने की प्रक्रिया बेहद धीमी है। डॉक्टरों ने इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित न्याय की मांग की है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी तरह से उचित हैं, और कोई भी उन्हें गलत साबित नहीं कर सकता।

अन्य प्रमुख मांगें:

जूनियर डॉक्टर चाहते हैं कि मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के कल्याण के लिए बनने वाली समितियों में छात्र प्रतिनिधि चुने जाएं, ताकि निर्णय प्रक्रिया में छात्रों की सीधी भागीदारी हो सके। उनका मानना है कि इससे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा और छात्रों के हितों की बेहतर सुरक्षा हो सकेगी।

प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की कार्रवाई और दबाव का आरोप

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य पुलिस उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है। डॉक्टरों ने दावा किया कि पुलिस द्वारा पानी और बायो-टॉयलेट जैसी आवश्यक आपूर्ति को रोक दिया गया है। यहां तक कि हड़ताल के पहले दिन एक जूनियर डॉक्टर पर हमला होने की भी बात कही जा रही है।

डॉक्टरों ने बंगाल सरकार को 5 अक्टूबर को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। अब, छह जूनियर डॉक्टर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं, जिनमें कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्निग्धा हाजरा, तनया पांजा, अनुस्तुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम अस्पताल के अर्नब मुखोपाध्याय, एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और केपीसी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शामिल हैं।

मांगें और आगे की रणनीति

डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सचिव को हटाने और अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी उठाई है। डॉक्टरों का कहना है कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं करती। उन्होंने यह भी कहा कि यह विरोध उनका अंतिम उपाय है, क्योंकि हर दूसरे प्रयास में असफलता ही हाथ लगी है।

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