देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने अंतिम चरण में है। आगामी 3 नवंबर को केदारनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने जा रहे हैं, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। मॉनसून सीजन के खत्म होने के बाद यात्रा ने फिर से जोर पकड़ा है, लेकिन इस साल नया रिकॉर्ड बनना मुश्किल नजर आ रहा है।
अब तक कुल 43 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए हैं, जो पिछले साल के 56 लाख के ऐतिहासिक आंकड़े से काफी पीछे है। शुरुआती पाबंदियां, मानसून के दौरान आपदा, और खराब सड़कें इस गिरावट के मुख्य कारण माने जा रहे हैं।
यात्रा की शुरुआत और शुरुआती रिकॉर्ड
इस साल चारधाम यात्रा की शुरुआत 10 मई को हुई थी, जिसमें गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे। इसके बाद 12 मई को बदरीनाथ धाम और 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुले थे। कपाट खुलने के पहले 21 दिनों में ही रिकॉर्ड 14 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके थे, लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण सरकार ने कुछ पाबंदियां लगाई थीं।
पाबंदियों का असर और लैंडस्लाइड की समस्या
श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए थे, जिससे तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, जुलाई के बाद लगातार बारिश और भूस्खलन ने यात्रा मार्गों को बाधित कर दिया। बदरीनाथ हाईवे पर लैंडस्लाइड के कारण श्रद्धालुओं को 84 घंटे तक रास्ते में फंसे रहना पड़ा, जिससे यात्रा की गति और भी धीमी हो गई।
मानसून के बाद यात्रा ने पकड़ी रफ्तार
सितंबर के अंत में मॉनसून खत्म होने के बाद यात्रा ने फिर से गति पकड़ी, लेकिन अब भी पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ना मुश्किल लग रहा है। हालांकि, अक्टूबर की शुरुआत से रोजाना करीब 25,000 से 30,000 श्रद्धालु धामों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन यह आंकड़ा ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है।
आपदा और सीमित यात्रियों का असर
इस साल 31 जुलाई को केदार घाटी में भारी बारिश के कारण यात्रा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे करीब एक महीने तक केदारनाथ यात्रा बाधित रही। इस दौरान प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित निकाला, लेकिन आपदा और खराब मौसम के चलते यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई।
अगले सीजन में रिकॉर्ड की उम्मीद
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने उम्मीद जताई है कि अगले सीजन में चारधाम यात्रा के दौरान नया कीर्तिमान रिकॉर्ड बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार आपदाओं और यात्रा मार्गों की समस्याओं के कारण श्रद्धालुओं की संख्या कम रही, लेकिन चारधाम यात्रा में लोगों की आस्था अटूट है।
वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने भी इस साल कम यात्रियों का कारण प्राकृतिक आपदा को माना और कहा कि यात्रा मार्गों की बेहतर व्यवस्था से अगले साल यह संख्या फिर से बढ़ेगी।
श्रद्धालुओं का आंकड़ा
अब तक 42,92,760 श्रद्धालु चारधाम और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं। इनमें बदरीनाथ धाम में 11,76,622, केदारनाथ में 14,46,921, गंगोत्री में 7,86,415, यमुनोत्री में 6,89,366 और हेमकुंड साहिब में 1,83,722 श्रद्धालु शामिल हैं।
हालांकि, इस साल 2023 के ऐतिहासिक 56 लाख के आंकड़े को पार करना मुश्किल लग रहा है, लेकिन अगले सीजन में उत्तराखंड सरकार को नए कीर्तिमान की उम्मीद है।