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24th Foundation Day of Uttarakhand: उच्च शिक्षा में मिली जबरदस्त कामयाबी, राज्य बना छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र

Tremendous success in higher education, state becomes a center of attraction for students

देहरादून: उत्तराखंड राज्य आज अपनी स्थापना के 24 साल पूरे कर 25वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इन वर्षों में राज्य ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, खासकर उच्च शिक्षा में अद्वितीय प्रगति हासिल की है। जहां राज्य गठन के समय उत्तराखंड में केवल तीन राज्य विश्वविद्यालय थे, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 11 हो गई है। इसके साथ ही 27 निजी विश्वविद्यालय भी यहां उच्च शिक्षा में योगदान दे रहे हैं, जिससे लाखों युवाओं को व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है।

उच्च शिक्षा में विकास के नए आयाम

उत्तराखंड का गठन 2000 में हुआ था, जब राज्य के हिस्से में तीन विश्वविद्यालय आए थे – गढ़वाल विश्वविद्यालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय, और पंतनगर विश्वविद्यालय। इन तीन संस्थानों से शुरू होकर अब राज्य में सरकारी विश्वविद्यालयों की संख्या 11 तक पहुंच गई है। 24 सालों में उत्तराखंड सरकार ने 9 नए सरकारी विश्वविद्यालय खोले हैं। इसके अतिरिक्त, श्रीनगर स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल चुका है, जो राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।

केंद्र सरकार की मदद से मिले प्रमुख संस्थान

राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने भी अहम भूमिका निभाई है। इन वर्षों में उत्तराखंड को एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) श्रीनगर, आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान) काशीपुर, और संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग जैसे प्रतिष्ठित संस्थान मिले हैं। इसके अलावा, उत्तराखंड में पहले से ही आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की संचालित है। इस तरह उत्तराखंड अब आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित केंद्रीय संस्थानों का घर बन गया है, जो राज्य के छात्रों को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

निजी विश्वविद्यालयों की बढ़ती भागीदारी

पिछले ढाई दशकों में राज्य में निजी उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उत्तराखंड में आज 27 निजी विश्वविद्यालय संचालित हैं, जो व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनके अतिरिक्त राज्य में तीन डीम्ड विश्वविद्यालय और पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज भी हैं। निजी संस्थानों की इस भागीदारी के कारण न केवल राज्य के छात्रों को शिक्षा के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि यह क्षेत्र देशभर के छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। यही वजह है कि अब न केवल अन्य राज्यों से, बल्कि विदेशों से भी विद्यार्थी उत्तराखंड में शिक्षा प्राप्त करने आ रहे हैं।

सीएम धामी का विजन: उच्च शिक्षा का हब बने उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को उच्च शिक्षा का हब बनाना है। सीएम ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि उत्तराखंड के युवाओं को अपने घर पर ही विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त हो। इसके लिए हम न केवल सरकारी विश्वविद्यालयों का विस्तार कर रहे हैं, बल्कि निजी विश्वविद्यालयों को भी आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का शांत और प्राकृतिक वातावरण शिक्षा के लिए अनुकूल है, और सरकार के प्रयासों से यह राज्य एक शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है।

उच्च शिक्षा में नई दिशा

उत्तराखंड के सरकारी विश्वविद्यालयों में कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल; जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर; उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार; दून विश्वविद्यालय, देहरादून; और वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में कई अन्य संस्थान जैसे आयुर्वेद, हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट्री, और मेडिकल विश्वविद्यालय भी उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

भविष्य की ओर कदम

उत्तराखंड का शिक्षा के क्षेत्र में यह उल्लेखनीय विकास न केवल राज्य के छात्रों को समृद्ध बना रहा है, बल्कि यहां आने वाले समय में यह राज्य एक बड़े शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित हो सकता है। शिक्षा के इन मजबूत स्तंभों के बल पर उत्तराखंड अब देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन गया है।

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