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Nanakmatta Sahib:उत्तराखंड के सिख धर्म का पवित्र धाम, जहां आस्था और इतिहास का मिलन होता है

The holy place of Sikhism in Uttarakhand, where faith and history meet

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में स्थित गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब सिख धर्म का प्रमुख आस्था केंद्र और ऐतिहासिक स्थल है। यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है और एशिया के सबसे बड़े सिख धर्म स्थलों में से एक है। देवभूमि में स्थित हेमकुंड साहिब और रीठा साहिब जैसे प्रसिद्ध गुरुद्वारों के अलावा, यह तराई क्षेत्र में अपनी धार्मिक महिमा और ऐतिहासिक महत्व के लिए विशेष पहचान रखता है।

प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यहां मत्था टेकने आते हैं। इस गुरुद्वारे की स्थापना सिखों के प्रथम गुरु **गुरु नानक देव जी** के हिमालय की तीसरी उदासी (यात्रा) के दौरान हुई थी, जब उन्होंने इस पवित्र स्थान को गोरखमत्ता से नानकमत्ता में परिवर्तित किया।

नानकमत्ता साहिब का इतिहास और धार्मिक महत्व:

गुरु नानक देव जी की तीसरी उदासी: करीब 516 वर्ष पहले, गुरु नानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान इस स्थान पर आए। यह क्षेत्र उस समय सिद्धों के वास के लिए प्रसिद्ध था। गुरु नानक जी ने यहाँ एक सूखे पीपल के पेड़ के नीचे ध्यान लगाया, जो चमत्कारिक रूप से हरा-भरा हो गया। आज भी यह पेड़ लोगों की आस्था का केंद्र है।
पीपल का चमत्कार और धार्मिक मान्यता: यह चमत्कारी पीपल का पेड़ 5-6 फीट ऊपर उठा हुआ है और पिछले पांच शताब्दियों से हरा-भरा है। यहां नमक और झाड़ू चढ़ाने से चर्म रोग ठीक होने की मान्यता है।
नवाब की भेंट: गुरु नानक जी के प्रभाव से प्रेरित होकर नवाब मेहदी अली खां ने इस स्थान के लिए 4,500 एकड़ भूमि दान की थी।

गुरुद्वारा परिसर की प्रमुख विशेषताएं:

1. धार्मिक स्थलों की निशानियां: यहां दूध वाला कुआं, भंडारा साहिब, और बाउली साहिब जैसी पवित्र जगहें मौजूद हैं।
2. प्रदर्शनी हॉल: गुरुद्वारे में सिख गुरुओं की वीरता और मुगलों के उत्पीड़न की छायाचित्र प्रदर्शनी है।
3. 24×7 लंगर: यहां हर समय नि:शुल्क भोजन सेवा चलती रहती है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा आकर्षण है।
4. दीपावली मेला: कार्तिक अमावस्या पर आयोजित 15 दिवसीय मेला लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

धार्मिक और पर्यटन महत्व:

गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए शांति और आस्था का केंद्र है। यह धार्मिक स्थल उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देता है, जहां हर वर्ष लाखों तीर्थयात्री आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।

नानकमत्ता साहिब का अद्भुत इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, और धार्मिक महत्व इसे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक अनमोल धरोहर बनाते हैं।

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