
भुवनेश्वर में चल रहे 59वें डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए एक विस्तृत रोडमैप पर चर्चा की। इस सम्मेलन में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा, नारकोटिक्स, और तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श किया गया।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर व्यापक चर्चा
सम्मेलन में पीएम मोदी ने उभरती सुरक्षा चुनौतियों और उन्हें हल करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की आवश्यकता पर बल दिया। गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की मौजूदगी ने इस आयोजन को और महत्वपूर्ण बना दिया।
सुरक्षा सहयोग और नवाचार पर जोर
देशभर के डीजीपी, आईजीपी, खुफिया ब्यूरो, गृह मंत्रालय और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। कई पुलिस अधिकारी वर्चुअल रूप से शामिल हुए। इस दौरान पुलिसिंग से जुड़ी श्रेष्ठ प्रथाओं और तीन नए आपराधिक कानूनों की प्रगति की समीक्षा की गई।
गृह मंत्री ने पुलिस नेतृत्व को सराहा
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पुलिस नेतृत्व को 2024 के आम चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न कराने और नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये कानून भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को दंड-केंद्रित से न्याय-केंद्रित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
सुरक्षा के नए आयाम
सम्मेलन का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना, रणनीतियां विकसित करना और नए सुरक्षा आयामों को अपनाना है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने इस आयोजन को एक नई दिशा दी, जहां सुरक्षा की नई चुनौतियों पर व्यापक रूप से चर्चा की गई।