
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है और अब तक 59,000 व्हॉट्सएप अकाउंट और 1,700 से अधिक स्काइप आईडी को ब्लॉक कर दिया है। गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने यह कार्रवाई की, जिसे मंगलवार को लोकसभा में साझा किया गया।
डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम:
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने बताया कि 2021 में I4C द्वारा शुरू की गई ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ के तहत अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों पर कार्रवाई की गई, जिससे 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। मंत्री ने बताया कि डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जा रहा है:
केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए सुरक्षा तंत्र को भी मजबूत किया है। अब तक 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड ब्लॉक किए गए हैं। इसके साथ ही दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) के सहयोग से भारत में अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स की पहचान और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक प्रणाली विकसित की गई है, ताकि डिजिटल धोखाधड़ी में इस्तेमाल होने वाली इन कॉल्स को रोका जा सके।
स्पूफ कॉल्स पर नियंत्रण:
कुमार ने बताया कि हाल ही में साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी गिरफ्तारियों, फेडएक्स घोटालों और फर्जी सरकारी अधिकारियों के रूप में धोखाधड़ी करने के लिए स्पूफ कॉल्स का इस्तेमाल किया गया है। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए TSP को इन इनकमिंग अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए हैं।
साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC) की स्थापना:
I4C ने साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC) भी स्थापित किया है, जहां बैंकों, वित्तीय संस्थानों, भुगतान एग्रीगेटर्स और राज्य पुलिस के प्रतिनिधि मिलकर तत्काल कार्रवाई करने और साइबर अपराधों से निपटने के लिए सहयोग कर रहे हैं।
संदिग्ध रजिस्ट्री और नई रिपोर्टिंग सुविधा:
इसके अलावा, 10 सितंबर, 2024 को I4C द्वारा साइबर अपराधियों की पहचान करने के लिए संदिग्ध रजिस्ट्री शुरू की गई है, साथ ही cybercrime.gov.in पोर्टल पर ‘रिपोर्ट और संदिग्ध की जांच करें’ की नई सुविधा भी जोड़ी गई है।