बीजिंग: चीन ने 2024 के लिए आर्थिक नीतियों में बदलाव का संकेत देते हुए अधिक सक्रिय राजकोषीय नीति और मध्यम रूप से ढीली मौद्रिक नीति अपनाने का निर्णय लिया है। यह बदलाव 2011 के बाद पहली बार देखने को मिलेगा, जब मौद्रिक नीति में इस तरह की नरमी का रुख अपनाया जा रहा है।
पोलित ब्यूरो की घोषणा
राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों वाले पोलित ब्यूरो ने यह घोषणा की। पोलित ब्यूरो ने कहा कि राजकोषीय नीति अधिक “सक्रिय” होगी, जिससे संकेत मिलता है कि चीन अपने आर्थिक प्रबंधन को और सहज बनाएगा। इस नीति का उद्देश्य घरेलू मांग को प्रोत्साहित करना और वैश्विक निवेशकों का विश्वास बढ़ाना है।
अंतरराष्ट्रीय संदर्भ और प्रभाव
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब चीन अमेरिका द्वारा चीनी निर्यात पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकियों का सामना कर रहा है। इस बदलाव को अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की संभावित नीतियों की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है।
आर्थिक लचीलापन और संभावनाएं
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि चीन के पास 2025 तक उधारी और राजकोषीय घाटा बढ़ाने की पर्याप्त गुंजाइश है। हालांकि, चीन ने पिछले वर्षों में सख्त और ढीले मौद्रिक नीति चक्रों का सामना किया है, लेकिन 2011 के बाद से मौद्रिक नीति “विवेकपूर्ण” रही है। अब, मध्यम रूप से ढीले रुख पर लौटने का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को पुनर्जीवित करना है।
वैश्विक निवेशकों की नजर
चीन के इस नीतिगत बदलाव को वैश्विक निवेशकों द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल घरेलू अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा बल्कि वैश्विक व्यापार और वित्तीय स्थिरता पर भी प्रभाव डालेगा।
यह घोषणा चीन की आर्थिक रणनीति में नए युग की शुरुआत का संकेत देती है, जहां लचीलापन और स्थिरता पर अधिक जोर दिया जाएगा।