
उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में। लेकिन 2024 स्वास्थ्य विभाग के लिए विशेष बदलाव और सुधार का वर्ष रहा। इस दौरान प्रदेश सरकार ने कई बड़े निर्णय लेकर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने का प्रयास किया।
लापता डॉक्टर्स पर सख्त कार्रवाई: 158 डॉक्टरों की बर्खास्तगी
स्वास्थ्य विभाग ने लंबे समय से गैरहाजिर 158 डॉक्टर्स को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। जवाब नहीं मिलने पर सभी को बर्खास्त कर दिया गया। अब इन पदों पर नई नियुक्तियां की जाएंगी ताकि जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
राजकीय अस्पतालों में शुल्क में कटौती
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए ओपीडी और आईपीडी शुल्क कम किए गए।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र: ओपीडी शुल्क ₹13 से ₹10
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र: ओपीडी शुल्क ₹17 से ₹10
- जिला अस्पताल: ओपीडी शुल्क ₹28 से ₹20, आईपीडी शुल्क ₹134 से ₹50
विशेषज्ञ डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति आयु सीमा बढ़ाई गई
विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी को दूर करने के लिए उनकी सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 साल की गई। यह निर्णय डॉक्टर्स की इच्छा पर आधारित होगा।
मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के शुल्क में एकरूपता
प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अलग-अलग शुल्क को समाप्त कर एक समान शुल्क लागू किया गया।
- ओपीडी शुल्क: ₹20
- आईपीडी शुल्क: ₹50
- एक्स-रे: ₹133
- एमआरआई: ₹2848
यह व्यवस्था 1 जनवरी 2025 से लागू होगी।
108 एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम घटा
108 इमरजेंसी एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम पहाड़ी क्षेत्रों में 35 से घटाकर 20 मिनट और मैदानी क्षेत्रों में 20 से 12 मिनट किया गया। समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर जुर्माने का प्रावधान बढ़ाया गया।
अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में तेजी
- हरिद्वार मेडिकल कॉलेज: निर्माण कार्य पूरा, कक्षाएं शुरू।
- हर्रावाला कैंसर हॉस्पिटल: 300 बेड का अस्पताल जल्द शुरू होगा।
- हल्द्वानी में मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल: 200 बेड का काम पूरा।
- रुद्रपुर और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज: निर्माण कार्य प्रगति पर।
- नर्सिंग कॉलेज: पिथौरागढ़, रुद्रपुर और हरिद्वार में निर्माण प्रस्ताव।
स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर में सुधार
2024 में स्वास्थ्य सेवाओं में करीब 2800 नर्स, 400 एएनएम, और 276 डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गई।
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अन्य बड़े निर्णय
- एयर एंबुलेंस: एम्स ऋषिकेश से सेवा शुरू।
- शव परिवहन व्यवस्था: शवों को वापस भेजने की सुविधा।
- टेलीमेडिसिन सेवाएं: बड़े अस्पतालों के साथ समझौते।
- इमरजेंसी ट्रॉमा केयर नेटवर्क: पूरे प्रदेश में विस्तार।
- उत्तराखंड हेल्थ प्रीमियर लीग: पहली बार आयोजन।
अस्पतालों में एसओपी और सुविधाएं
- मरीज के साथ एक तामीरदार को रुकने की अनुमति।
- महिला सुरक्षा के लिए एसओपी तैयार।
- कंडम गाड़ियों की नीलामी के अधिकार जिलों को दिए गए।
- मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट संविदा डॉक्टर्स के मानदेय सीमा तय।
निष्कर्ष
2024 में उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए। इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनपावर और शुल्क कटौती जैसे सुधारों से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।