
वीरता और समर्पण का सम्मान: गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस को उनके बलिदान और सेवा के लिए 27 प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें 15 वीरता पदक (जीएम), 2 विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम), और 10 सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) शामिल हैं।
हिमायूं मुजम्मिल को मरणोपरांत वीरता पदक:
पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं मुजम्मिल भट को उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा। 2018 बैच के अधिकारी हिमायूं सितंबर 2023 में कोकरनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उनके पिता गुलाम हसन भट, सेवानिवृत्त महानिरीक्षक, उनके योगदान और बलिदान की मिसाल हैं।
विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक:
- आनंद जैन, अतिरिक्त महानिदेशक
- नीतीश कुमार, अतिरिक्त महानिदेशक
वीरता पदक प्राप्त करने वाले अधिकारी:
- अजहर रशीद, पुलिस उपाधीक्षक
- माजिद अफजल वानी, हेड कांस्टेबल
- सफीर लोन, कांस्टेबल
- शाहनवाज अहमद दीदाद, कांस्टेबल
- सुरेश कुमार भट, सहायक उप-निरीक्षक
- अकीब कयूम याटू, एसजीसीटी
- हिमायूं मुजम्मिल, पुलिस उपाधीक्षक (मरणोपरांत)
- अन्य अधिकारी भी इस सूची में शामिल हैं।
उत्कृष्ट सेवा के लिए पदक:
जम्मू-कश्मीर पुलिस के कई अन्य अधिकारी, जैसे मोहम्मद यासीन किचलू, मंजूर अहमद भट, और प्रदीप गुप्ता को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए पदक से नवाजा जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर 95 वीरता पुरस्कार:
इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर कुल 95 वीरता पदक प्रदान किए गए हैं, जिनमें से 28 जम्मू-कश्मीर के कर्मियों को मिले। यह संख्या वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के बराबर है।
उपराज्यपाल ने दी बधाई:
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि ये पुरस्कार पुलिस बल के बलिदान और समर्पण का प्रमाण हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “गणतंत्र दिवस 2025 पर सम्मानित होने वाले सभी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।”
जम्मू-कश्मीर की बहादुर पुलिस को गौरव:
जम्मू-कश्मीर पुलिस के समर्पण और बहादुरी ने राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। ये पुरस्कार उनके अद्वितीय साहस और सेवाओं के प्रति देश की कृतज्ञता को व्यक्त करते हैं।