
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को उस समय भारी हंगामा देखने को मिला जब वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के विधायकों ने सदन में काले झंडे लहराए, दस्तावेज फाड़े और जोरदार नारेबाज़ी करते हुए वॉकआउट कर दिया। इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक शगुन परिहार ने विपक्ष को कड़ी फटकार लगाई और इसे “राजनीतिक नौटंकी” बताया।
शगुन परिहार का तीखा जवाब
भाजपा विधायक शगुन परिहार ने कहा कि वक्फ अधिनियम पहले ही भारतीय संसद में पारित हो चुका है और यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। उन्होंने कहा:
“इस पर चर्चा की कोई जरूरत नहीं है। हम यहां जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने आए हैं — जैसे कि पर्यटन, उद्योग, और युवाओं के लिए रोजगार।”
मुख्यमंत्री और विपक्ष पर हमला
शगुन परिहार ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों पर गंभीर नहीं हैं और विपक्ष केवल धार्मिक भावनाओं को भड़काकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा,
“गृह मंत्री लगातार राज्य के विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यहां विपक्ष केवल सस्ती राजनीति कर रहा है।”
उमर अब्दुल्ला पर सीधा वार
भाजपा विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा:
“उमर अब्दुल्ला ने शायद कभी वक्फ को दान नहीं दिया होगा। फिर उनके विधायक इतना हंगामा क्यों कर रहे हैं? यह सिर्फ दिखावे की राजनीति है।”
राजनीतिक माहौल गरमाया
विधानसभा में हुए इस हंगामे को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। जानकारों का मानना है कि विपक्ष आने वाले चुनावों को देखते हुए सामाजिक और धार्मिक मुद्दों को उभारने की कोशिश कर रहा है, जबकि भाजपा विकास और सुशासन के एजेंडे पर फोकस कर रही है।
वक्फ अधिनियम पर विधानसभा में हुआ विवाद सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति में बढ़ते टकराव का संकेत भी है। शगुन परिहार का बयान साफ दर्शाता है कि भाजपा अब मुद्दों की राजनीति को प्राथमिकता दे रही है, जबकि विपक्ष भावनात्मक अपील के ज़रिए जनता को साधने की कोशिश में है। आने वाले दिनों में यह बहस और तेज हो सकती है।