
नई दिल्ली: Storyboard18 Global Pioneers Summit में डियाजियो इंडिया की प्रबंध निदेशक और सीईओ हिना नागराजन ने भारत के भविष्य के लिए एक सशक्त और समावेशी नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया। स्टोरीबोर्ड18 की संपादक दिलशाद ईरानी के साथ हुई बातचीत में उन्होंने अपने अनुभव, विचार और दृष्टिकोण साझा किए, जो न सिर्फ कॉर्पोरेट जगत के लिए बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक रहे।
महिलाओं को नेतृत्व में लाना बनी प्राथमिकता
हिना नागराजन ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने न केवल बोर्डरूम्स में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया, बल्कि जमीनी स्तर पर भी महिलाओं के लिए अवसर सुनिश्चित किए। उनका मानना है कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति में महिला सशक्तिकरण की अहम भूमिका होती है।
घरेलू निर्माण और पर्यावरण संरक्षण में निवेश
डियाजियो इंडिया के संचालन के दौरान नागराजन ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित किया। साथ ही, उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को कंपनी की नीतियों में शामिल किया। जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और हरित पहल उनके नेतृत्व की प्रमुख उपलब्धियां रही हैं। उनके अनुसार, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्यता है।
दृष्टिकोण: मुनाफा और उद्देश्य साथ-साथ
हिना का मानना है कि व्यापार केवल लाभ कमाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का एक सशक्त जरिया भी हो सकता है। उन्होंने कहा, “मायने केवल इस बात के नहीं होते कि आपने कॉर्पोरेट सीढ़ी कितनी ऊंचाई तक चढ़ी, बल्कि इस बात के होते हैं कि आपने साथ में कितनों को ऊपर उठाया।”
वैश्विक भूमिका की ओर रुख, पीछे छूटी प्रेरक विरासत
अब जब हिना नागराजन डियाजियो में एक वैश्विक भूमिका के लिए जा रही हैं, तो उनके नेतृत्व की विरासत भारत में साहस, प्रतिबद्धता और समावेशिता की मिसाल बनकर रह जाएगी। उन्होंने भारत में एक ऐसी कार्यसंस्कृति की नींव रखी, जिसमें उद्देश्य और सफलता साथ चलते हैं।
उनका योगदान आने वाले कॉर्पोरेट नेताओं को यही सिखाता है कि असली नेतृत्व वही है, जो दूसरों के लिए भी रास्ता बनाता है।