
नई दिल्ली, 21 अप्रैल 2025 – सिविल सेवा दिवस के शुभ अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित भव्य राष्ट्रीय समारोह में टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अपने प्रभावशाली उद्बोधन के माध्यम से सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने न केवल टिहरी जिले में चल रहे प्रशासनिक प्रयासों की जानकारी दी, बल्कि यह भी दिखाया कि सीमित संसाधनों में किस तरह नवाचारों द्वारा जनहित में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।
“जनसेवा के लिए प्रतिबद्धता ही असली प्रशासन है” – मयूर दीक्षित
अपने संबोधन में डीएम दीक्षित ने कहा कि जनसेवा के लिए प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता ही एक अधिकारी की असली पहचान होती है। उन्होंने बताया कि टिहरी जैसे पर्वतीय जिले में भी तकनीक और स्थानीय सहभागिता के माध्यम से प्रशासन को जनता के दरवाजे तक पहुंचाया गया है।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और सामुदायिक भागीदारी पर जोर
मयूर दीक्षित ने अपने भाषण में जिले में लागू की गई “डिजिटल ग्राम योजना”, मल्टी-मॉडल हेल्थ कैंप्स, और युवा संवाद मंच जैसी पहलों का जिक्र किया, जिनसे न केवल सरकारी सेवाओं की पहुंच आसान हुई, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनता की भागीदारी भी बढ़ी है।
कैबिनेट सचिव ने की खुले मंच से सराहना
कैबिनेट सचिव ने डीएम मयूर दीक्षित के प्रेजेंटेशन की प्रशंसा करते हुए कहा, “टिहरी में हो रहे प्रयास पूरे देश के लिए अनुकरणीय हैं। ऐसे अधिकारियों के प्रयास ही प्रशासन को जनहितकारी बनाते हैं।” उन्होंने टिहरी मॉडल को देश के अन्य राज्यों में लागू करने योग्य बताया।
उत्तराखंड प्रशासन को मिली नई पहचान
इस अवसर ने उत्तराखंड को एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर विशिष्ट स्थान दिलाया। डीएम दीक्षित की प्रस्तुति ने यह दिखाया कि यदि नीति, नवाचार और निष्पक्षता साथ हों, तो किसी भी क्षेत्र को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है।
भावी अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत
सिविल सेवा दिवस के इस मंच से मयूर दीक्षित ने यह संदेश दिया कि प्रशासन का असली अर्थ जनता के लिए ईमानदारी से काम करना है। उनका यह विचार देश के लाखों प्रशासनिक सेवा आकांक्षियों के लिए एक प्रेरक संदेश बनकर उभरा है।