
देहरादून: उत्तराखंड सरकार की नवाचारी पहल ‘यूके-जीएएमएस’ (UK-GAMS: उत्तराखंड गवर्नेंस एंड मैनेजमेंट सिस्टम) को सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देश में प्रशासनिक उत्कृष्टता और नवाचार के लिए उन पहलों को दिया जाता है जिन्होंने शासन व्यवस्था को अधिक प्रभावी, उत्तरदायी और पारदर्शी बनाया है।
क्या है यूके-जीएएमएस?
यूके-जीएएमएस एक डिजिटल गवर्नेंस प्लेटफॉर्म है जिसे उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक कार्यों को सरल, पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से विकसित किया है। इस प्रणाली के अंतर्गत सरकारी योजनाओं की निगरानी, निर्णय लेने की प्रक्रिया, विभागीय संवाद और कार्य निष्पादन को एकीकृत कर डिजिटल माध्यम से ट्रैक किया जाता है। इसके जरिये फाइल मूवमेंट से लेकर नागरिक शिकायत निवारण तक की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और रियल टाइम में संचालित होती हैं।
क्यों मिला पुरस्कार?
इस पुरस्कार की चयन प्रक्रिया में देशभर की हजारों सरकारी योजनाओं और नवाचारों का मूल्यांकन किया गया था। यूके-जीएएमएस को इसलिए चुना गया क्योंकि यह प्रणाली ई-गवर्नेंस को जमीनी स्तर तक ले जाने में सफल रही है और इसने सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता व जवाबदेही को मजबूती प्रदान की है। विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में योजनाओं की निगरानी और प्रगति को ट्रैक करने की क्षमता इस प्रणाली की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी गई।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि को राज्य के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उत्तराखंड की उस सोच को सम्मान देता है जो पारदर्शी और जनहितकारी शासन व्यवस्था की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने यूके-जीएएमएस को राज्य की प्रशासनिक दक्षता का प्रतीक बताया।
यूके-जीएएमएस प्रणाली उत्तराखंड को डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करती है। यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है, जिससे ई-गवर्नेंस की गुणवत्ता और पहुंच पूरे देश में बेहतर हो सके।