
10 घंटे तक धधकी आग, दस्तावेज और उपकरणों को भारी नुकसान
मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ज़ोन-1 कार्यालय में रविवार (27 अप्रैल) तड़के भीषण आग लग गई। यह आग करीब 10 घंटे तक बेकाबू रही, जिससे कार्यालय में मौजूद महत्वपूर्ण दस्तावेजों और उपकरणों को गंभीर नुकसान पहुंचा। आशंका जताई जा रही है कि कई हाई-प्रोफाइल मामलों से जुड़ी फाइलें इस अग्निकांड में जलकर नष्ट हो गई होंगी। इनमें भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, और राजनेता छगन भुजबळ व अनिल देशमुख से संबंधित जांच दस्तावेज भी शामिल हैं।
आग लगने के वक्त केवल सुरक्षा कर्मी और कैंटीन स्टाफ मौजूद
फायर ब्रिगेड अधिकारियों के अनुसार, आग रविवार तड़के लगभग 2:30 बजे लगी, जब इमारत में सिर्फ कैंटीन कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड मौजूद थे। गनीमत रही कि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। ईडी का यह कार्यालय एक पुरानी निजी इमारत में स्थित है, जिसमें केवल एक ही सीढ़ी है, जिससे आग बुझाने में भारी कठिनाइयां आईं।
लकड़ी का फर्नीचर और दस्तावेज बने आग का ईंधन
फायर ब्रिगेड ने बताया कि आग मुख्य रूप से ईडी कार्यालय के लकड़ी के फर्नीचर और अन्य ऑफिस सामग्री तक सीमित थी। भारी धुआं और ऊष्मा के कारण फायरफाइटर्स को इमारत में प्रवेश करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। भवन के एटिक हिस्से में उचित वेंटिलेशन नहीं होने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई। दस्तावेजों और लकड़ी की वस्तुओं ने आग को तेजी से फैलने में मदद की।
जांच प्रक्रिया पर असर, दस्तावेजों के नुकसान का आकलन शुरू
आग लगने के बाद से ईडी के अधिकारियों ने दस्तावेजों की क्षति का आकलन शुरू कर दिया है। कार्यालय में गवाहों से पूछताछ और चल रही जांचों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अधिकारियों ने कहा है कि जल्द से जल्द पुनर्स्थापन और जांच कार्य को पटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सुरक्षा उपायों पर उठे सवाल
इस घटना ने पुराने भवनों में सुरक्षा इंतजामों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी के कार्यालयों को आधुनिक और सुरक्षित इमारतों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
फिलहाल, मुंबई पुलिस और फायर ब्रिगेड आग लगने के कारणों की विस्तृत जांच कर रही है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार शॉर्ट सर्किट आग का संभावित कारण बताया जा रहा है, हालांकि अंतिम रिपोर्ट के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी।