
उत्तरकाशी, 30 अप्रैल – आज अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इस शुभ अवसर पर गंगोत्री धाम के कपाट भी पहले ही खुल चुके थे, और यमुनोत्री धाम का दरवाजा भी आज, 30 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। माँ यमुना की डोली, अपने भाई शनि महाराज के साथ खरसाली गांव से सुबह 8:30 बजे यमुनोत्री के लिए रवाना हुई थी। करीब 5 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद डोली यमुनोत्री धाम पहुँची।
चारधाम यात्रा की शुरुआत, यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए
माँ यमुना की डोली के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने के इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए यात्रा की। 11:57 बजे विशेष पूजा अर्चना के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट छह माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है।
जानकीचट्टी में श्रद्धालुओं में नाराजगी, पुलिस द्वारा रोकने पर हंगामा
यद्यपि, यात्रा के दौरान कुछ कठिनाईयाँ भी आईं। जानकीचट्टी में पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं को पुल के पास रोकने से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में नाराजगी देखी गई। श्रद्धालुओं का कहना था कि वे सुबह 5 बजे से यहां थे, लेकिन यात्रा प्रशासन द्वारा सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें रोका गया। पिछले साल भी ऐसी व्यवस्था को लेकर श्रद्धालुओं ने विरोध जताया था, लेकिन प्रशासन ने कोई सुधार नहीं किया।
कपाट खोलने के मौके पर मौजूद प्रमुख व्यक्ति
यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने के इस ऐतिहासिक अवसर पर यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय डोभाल, जगत सिंह चौहान, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, मनमोहन उनियाल, सुनील उनियाल, राघवानन्द उनियाल, महावीर पंवार, शेखर उनियाल, चैन सिंह रावत सहित कई अन्य स्थानीय नेता और अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर पुलिस प्रशासन के कर्मचारी भी तैनात थे, जिन्होंने यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान श्रद्धालु माता यमुना के दर्शन करने के लिए पवित्र यात्रा में सम्मिलित होंगे, हालांकि कुछ प्रशासनिक चुनौतियाँ भी सामने आईं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है।