
देहरादून: राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस के मौके पर ‘रिसपॉन्सिबल यूज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस: रोल ऑफ पब्लिक रिलेशन’ विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में जनसम्पर्क और मीडिया क्षेत्र के विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार उपयोग और पब्लिक रिलेशन में इसके प्रभाव को लेकर अपने विचार साझा किए।
AI और जनसम्पर्क में बढ़ता संबंध
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग जनसम्पर्क के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है, और इसके सकारात्मक उपयोग से संस्थाओं और समाज के बीच विश्वास का निर्माण हो सकता है। हालांकि, इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि AI का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाए ताकि समाज में किसी प्रकार की गलत सूचना न फैले और लोगों की निजता का उल्लंघन न हो। पब्लिक रिलेशन के विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि कैसे AI की मदद से जनसम्पर्क अभियान अधिक प्रभावी और सटीक हो सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही इसका सही दिशा में इस्तेमाल होना चाहिए।
AI के जिम्मेदार उपयोग पर जोर
परिचर्चा में यह भी बताया गया कि जनसम्पर्क क्षेत्र में AI का उपयोग कैसे पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा दे सकता है। एक जिम्मेदार उपयोगकर्ता के तौर पर पब्लिक रिलेशन पेशेवरों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके द्वारा इस्तेमाल की जा रही तकनीक किसी भी तरह से समाज में असंतुलन या गलत सूचना का कारण न बने। साथ ही, एआई से जुड़े डेटा सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
समाज के प्रति जिम्मेदारी का अहसास
कार्यक्रम के समापन पर वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि जनसम्पर्क क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों को तकनीकी नवाचारों के साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी अहसास होना चाहिए। AI का जिम्मेदार और सही उपयोग समाज को एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकता है और पब्लिक रिलेशन के पेशेवरों को समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने का अवसर प्रदान कर सकता है।
यह कार्यक्रम जनसम्पर्क के महत्व और AI के जिम्मेदार उपयोग पर विचार करने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ, जहां विशेषज्ञों और छात्रों ने नई तकनीकों के लाभ और खतरे पर खुलकर चर्चा की।