
नई दिल्ली: भारत और जापान के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक और कदम बढ़ने जा रहा है। सोमवार, 5 मई को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री जनरल नकातानी के बीच नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता आयोजित होगी। इस अहम बैठक में दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य, द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
सामरिक संबंधों को और मजबूती देने की दिशा में पहल
भारत और जापान के बीच दशकों पुरानी मित्रता अब रक्षा और रणनीतिक सहयोग की दिशा में मजबूत होती जा रही है। 2014 में दोनों देशों के बीच संबंधों को “विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी” के स्तर तक बढ़ाए जाने के बाद से सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस वार्ता को उसी दिशा में एक और मील का पत्थर माना जा रहा है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर विशेष जोर
दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना भी वार्ता के केंद्र में रहेगा। भारत और जापान इस क्षेत्र में साझा दृष्टिकोण रखते हैं, जिसके चलते रणनीतिक साझेदारी और अधिक प्रासंगिक हो गई है।
छह महीने में दूसरी बार आमने-सामने होंगे रक्षा मंत्री
इस बैठक की एक और खास बात यह है कि यह दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच छह महीने के भीतर दूसरी मुलाकात होगी। इससे पहले नवंबर 2024 में लाओस (लाओ पीडीआर) में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) के दौरान दोनों की पहली मुलाकात हुई थी। उस समय भी क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर गहन चर्चा हुई थी।
आतंकवाद और क्षेत्रीय तनाव भी रहेंगे चर्चा में
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर गहराया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में आतंकवाद और सीमा-पार सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।