
देहरादून: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालातों को देखते हुए देशभर में साइबर हमले की आशंका जताई जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (ITDA) को हर समय हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। राज्य के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस दिशा में ठोस रणनीति बनाने पर बल दिया।
राज्य की डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने आईटीडीए को साइबर हमलों से निपटने के लिए तकनीकी रूप से मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों की वेबसाइट्स और मोबाइल एप्लीकेशन्स को आईटीडीए के माध्यम से ही विकसित और सुरक्षित किया जाए। साथ ही, क्लाउड सेवाएं भी केंद्रीकृत कर ITDA के जरिए उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि डाटा का नियंत्रण और सुरक्षा बेहतर ढंग से की जा सके।
डेटा स्टोरेज और संस्थागत मेमोरी पर विशेष ध्यान
बैठक में निर्णय लिया गया कि वे विभाग जो भारी मात्रा में डाटा स्टोर करते हैं, वे अपनी आवश्यकताओं की जानकारी आईटीडीए को दें ताकि उसी अनुसार डाटा स्टोरेज की क्षमता का विस्तार किया जा सके। साथ ही, मुख्य सचिव ने संस्थागत मेमोरी को बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे किसी विशेषज्ञ के स्थानांतरण या रिटायरमेंट के बाद भी सिस्टम प्रभावी रूप से काम करता रहे।
आईटीडीए के कामकाज की समीक्षा
आईटीडीए के निदेशक गौरव कुमार ने बताया कि वर्ष 2018 में स्थापित राज्य डाटा सेंटर (SDC) का नया संस्करण SDC 2.0 जल्द तैयार हो जाएगा। इससे डाटा स्टोरेज की क्षमता और साइबर सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी ज़िले और ब्लॉक मुख्यालय SWAN नेटवर्क से जुड़ चुके हैं और 2036 कार्यालयों में यह सेवा सक्रिय है।
उत्तराखंड सरकार साइबर सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। ITDA की क्षमता बढ़ाकर, क्लाउड सेवा केंद्रीकरण और वेबसाइट सुरक्षा को प्राथमिकता देकर सरकार राज्य को डिजिटल खतरों से सुरक्षित रखने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।