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देहरादून में आरटीओ की सख्ती: स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर चला विशेष अभियान, 96 चालान कटे

RTO's strictness in Dehradun: Special campaign launched for safety of school children, 96 challans issued

देहरादून, 24 मई 2025 – उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुक्रवार को स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा एक विशेष जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान न केवल स्कूली वाहनों की गहन जांच की गई, बल्कि नियमों की अनदेखी करने वाले अभिभावकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई।

17 स्कूली वाहन और 79 निजी वाहन चालकों के चालान

अभियान के दौरान 17 स्कूली वाहनों और 79 निजी वाहनों के चालान काटे गए। इनमें अधिकांश ऐसे अभिभावक थे जो बिना हेलमेट दोपहिया चला रहे थे या मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए वाहन चला रहे थे। कई मामलों में अभिभावक बच्चों को ले जाते समय सुरक्षा नियमों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे थे।

जागरूक अभिभावकों की सराहना

चेकिंग के दौरान कई ऐसे माता-पिता भी मिले जिन्होंने खुद के साथ अपने बच्चों को भी हेलमेट पहनाया हुआ था। परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों ने ऐसे जिम्मेदार अभिभावकों की खुलेआम सराहना की और अन्य लोगों को भी इससे प्रेरणा लेने की सलाह दी।

चेकिंग के प्रमुख स्थान

ईसी रोड, सुभाष रोड, सहारनपुर रोड, चकराता रोड और राजपुर रोड जैसे प्रमुख इलाकों में चेकिंग की गई। आरटीओ (प्रवर्तन) डॉ. अनीता चमोला के नेतृत्व में चार टीमों ने विभिन्न स्कूलों के बाहर वाहनों की जांच की। उन्होंने बताया कि यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा।

स्कूल वाहन चालकों के लिए दिशा-निर्देश जारी

परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों के संचालन को लेकर कड़े दिशानिर्देश भी दोहराए:

  • चालक के पास कम से कम 5 साल का अनुभव और पुलिस सत्यापन आवश्यक।

  • दो बार नियम उल्लंघन करने वाला चालक अयोग्य माना जाएगा।

  • ओवरस्पीड, खतरनाक ड्राइविंग, या नशे में वाहन चलाने वाले चालकों पर पूर्ण प्रतिबंध।

  • योग्य परिचालक और महिला सहायक (छात्राओं के लिए) की मौजूदगी अनिवार्य।

  • स्कूली वाहनों में स्पीड गवर्नर, फर्स्ट एड बॉक्स, और अग्निशमन यंत्र होना ज़रूरी।

  • बच्चों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था और बैग रखने की जगह अनिवार्य।

  • ड्राइवर के पास रूट प्लान, छात्रों की जानकारी (नाम, पता, ब्लड ग्रुप) उपलब्ध होनी चाहिए।

स्कूलों में भी होगी जांच

डॉ. चमोला ने बताया कि विभाग अब स्कूल परिसरों में जाकर भी जांच करेगा कि बच्चे किन माध्यमों से स्कूल आ रहे हैं – जैसे बस, वैन, ऑटो, रिक्शा या निजी वाहन। इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी ताकि नीति निर्माण में इसका उपयोग किया जा सके।

जन सहयोग की अपील

आरटीओ ने अभिभावकों से अपील की कि वे ओवरलोड वाहनों से बचें और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि कोई भी अनियमितता दिखने पर तुरंत परिवहन कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

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