
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर शुल्क को 25% से बढ़ाकर 50% करने की घोषणा की है, जो 4 जून 2025 से प्रभावी होगी। इस निर्णय का उद्देश्य अमेरिकी स्टील उद्योग को सशक्त बनाना और घरेलू नौकरियों की रक्षा करना है। ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया में यूएस स्टील के एक संयंत्र में आयोजित रैली में इस घोषणा को सार्वजनिक किया।
निप्पॉन स्टील और यूएस स्टील के बीच 14.9 अरब डॉलर की डील पर ट्रंप का समर्थन
इस घोषणा के साथ ही ट्रंप ने जापान की निप्पॉन स्टील और अमेरिका की यूएस स्टील के बीच 14.9 अरब डॉलर की डील का समर्थन किया। उन्होंने इस डील को “ब्लॉकबस्टर” करार देते हुए कहा कि इससे अमेरिकी स्टील उत्पादन को मजबूती मिलेगी और हजारों नई नौकरियां सृजित होंगी। हालांकि, डील की पूर्ण स्वीकृति अभी लंबित है और ट्रंप ने कहा है कि यूएस स्टील अमेरिकी नियंत्रण में ही रहेगा।
श्रमिक यूनियनों की चिंता और राजनीतिक विवाद
इस डील को लेकर यूनाइटेड स्टीलवर्कर्स यूनियन ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि निप्पॉन स्टील के साथ यह डील बिना यूनियन से परामर्श के की गई है, जो श्रमिकों के हितों के खिलाफ है। इसके अलावा, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस डील पर राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से आपत्ति जताई है और इसे रोकने की प्रक्रिया शुरू की है।
बाजार की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव
ट्रंप की घोषणा के बाद अमेरिकी स्टील कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। विशेष रूप से क्लीवलैंड-क्लिफ्स इंक के शेयरों में 26% की वृद्धि हुई। विश्लेषकों का मानना है कि आयात शुल्क बढ़ने से घरेलू स्टील उद्योग को लाभ होगा, लेकिन इससे वैश्विक व्यापार तनाव भी बढ़ सकता है।
ट्रंप की यह घोषणा अमेरिकी स्टील उद्योग को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इससे जुड़े राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं पर अभी और स्पष्टता की आवश्यकता है। आगामी दिनों में यह देखना होगा कि यह निर्णय अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार पर क्या प्रभाव डालता है।