
देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को शुरू हुए एक महीना बीत चुका है और इस दौरान यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का विशेष नज़ारा देखने को मिला है। 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा का शुभारंभ हुआ था। अब एक महीने बाद यमुनोत्री धाम में दान पात्र खोले गए, जिनमें श्रद्धालुओं द्वारा 23 लाख रुपये से अधिक की धनराशि अर्पित की गई है।
एक महीने में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
चारधाम यात्रा के पहले चरण में यमुनोत्री धाम में अब तक करीब तीन लाख 29 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। तीर्थ पुरोहितों द्वारा रविवार को दान पात्र खोले गए, जो अब पूरी तरह से भर चुके थे। इसके बाद राजस्व विभाग और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में मंदिर में एकत्रित दान की गिनती की गई। गिनती के अनुसार कुल 23 लाख 25 हजार रुपये की राशि दान स्वरूप प्राप्त हुई है।
दान का उपयोग कहां होता है?
यमुनोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष और एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी ने जानकारी दी कि मंदिर में चढ़ने वाला दान मंदिर के रखरखाव, पूजा-अर्चना और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष यात्रा की शुरुआत भले ही धीमी रही हो, लेकिन एक महीने में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का पहुंचना सकारात्मक संकेत है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि होगी।
यमुनोत्री में चढ़ाई बनी चुनौती
चारधामों में यमुनोत्री धाम में सबसे कम श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसका एक प्रमुख कारण वहां की कठिन चढ़ाई है, जहां श्रद्धालुओं को लगभग पांच किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है। इसके बावजूद भी इस बार की संख्या उत्साहजनक रही है।
अन्य धामों में श्रद्धालुओं की संख्या
जहां यमुनोत्री में अब तक करीब 3.29 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं, वहीं गंगोत्री धाम में 3,30,372 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ धाम में अब तक 7,20,127 श्रद्धालु पहुंचे हैं और बदरीनाथ धाम में यह संख्या 5,15,710 तक पहुंच चुकी है। यह दर्शाता है कि चारधाम यात्रा को लेकर देशभर के श्रद्धालुओं में अत्यधिक उत्साह है।
चारधाम यात्रा के पहले महीने में यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की आस्था के साथ-साथ मंदिर में मिले दान की राशि भी विशेष रही। प्रशासन और तीर्थ पुरोहितों की व्यवस्था से यात्रा सुचारु रूप से संचालित हो रही है। आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।