
नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य टकराव “ऑपरेशन सिंदूर” का प्रभाव अब अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में भी देखने को मिल रहा है। अमेरिका की रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन, जिसने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान दिए हैं, उसके शेयरों में पिछले एक महीने से गिरावट देखी जा रही है। मई के पूरे महीने में कंपनी ने निवेशकों को लगभग शून्य रिटर्न दिया है।
एफ-16 विमानों पर सवाल
भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के एफ-16 और जे-10 लड़ाकू विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया। इसका असर लॉकहीड मार्टिन की साख पर पड़ा है, क्योंकि एफ-16 विमान को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उदाहरण माना जाता रहा है। अब इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे हैं।
मई में कमजोर प्रदर्शन
मई 2025 में लॉकहीड मार्टिन के शेयरों में केवल 0.97% की मामूली बढ़त दर्ज हुई, जो निवेशकों के लिए निराशाजनक रहा। अप्रैल में कंपनी ने 6.95% की तेजी दिखाई थी, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद से बाजार में भरोसा डगमगा गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि इस प्रकार की खबरें जारी रहीं, तो कंपनी की ऑर्डर बुक पर भी असर पड़ सकता है।
चीन की कंपनी को भी झटका
एफ-16 के अलावा पाकिस्तान ने जे-10 लड़ाकू विमान का भी इस्तेमाल किया, जो चीन की AVIC चेंगदू एयरक्राफ्ट द्वारा बनाए गए हैं। इस कंपनी के शेयर भी मई के महीने में 20% तक गिर गए हैं, जिससे चीन की रक्षा कंपनियों पर भी दबाव बना है।
भारत की कंपनियों ने दिखाया दम
जहां अमेरिकी और चीनी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई, वहीं भारत की रक्षा कंपनियों में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, कोचीन शिपयार्ड, भारत डायनामिक्स और पारस डिफेंस जैसी कंपनियों के शेयरों में 30% से 39% तक की बढ़ोतरी देखी गई। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा संकेत है।
भविष्य की रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियों को अब अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना होगा। वहीं भारत को अपनी रक्षा प्रणाली की सफलता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र में निवेश को और आकर्षित करने का अवसर मिल सकता है।