
नैनीताल, 12 जून: नैनीताल जिले के प्रसिद्ध कैंची धाम में इस वर्ष 15 जून को मनाया जाने वाला स्थापना दिवस अभूतपूर्व आयोजनों और भक्तों की भारी भीड़ के साथ मनाया जाएगा। बाबा नीम करोली के इस पावन स्थल पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की तैयारी में हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि इस वर्ष करीब 5 लाख भक्त मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।
प्रसाद वितरण में बड़ा बदलाव
हर वर्ष 15 जून को बाबा के प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले मालपुए इस बार सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि लगातार तीन दिनों—15, 16 और 17 जून को भक्तों को वितरित किए जाएंगे। यह फैसला पहले की भीड़भाड़ और अव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे अधिक से अधिक श्रद्धालुओं तक प्रसाद पहुंचाया जा सकेगा।
अन्य मंदिरों में भी भेजा जाएगा प्रसाद
इस बार बाबा का प्रसाद केवल कैंची धाम तक सीमित नहीं रहेगा। भूमियाधार, हनुमानगढ़ी और सुयालबाड़ी जैसे आसपास के मंदिरों में भी मालपुए का प्रसाद भेजा जाएगा। इसके अलावा देश-विदेश से आने वाले सेवादारों और भक्तों को भी प्रसाद सौंपा जाएगा ताकि बाबा की कृपा से कोई भी वंचित न रह जाए।
ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव
कैंची धाम तक पहुंचने वाले मार्ग पर यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। 14 जून सुबह 8 बजे से 15 जून शाम 7 बजे तक भवाली से कैंची धाम जाने वाले मुख्य मार्ग को आम वाहनों के लिए बंद रखा जाएगा। केवल आवश्यक सेवाओं वाले वाहन ही इस दौरान अनुमति प्राप्त होंगे।
डायवर्जन और वैकल्पिक मार्ग निर्धारित
हल्द्वानी से भीमताल आने-जाने वाले वाहनों को खुटानी और धानाचूली होते हुए अल्मोड़ा भेजा जाएगा, जबकि अल्मोड़ा से आने वाले श्रद्धालुओं को रामगढ़ होकर भवाली की ओर डायवर्ट किया जाएगा। यह डायवर्जन व्यवस्था स्थापना दिवस पर भी लागू रहेगी।
पार्किंग और शटल सेवाओं की खास व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 15 अस्थायी पार्किंग स्थल तैयार किए गए हैं, जहां से शटल सेवाएं संचालित होंगी। इन सेवाओं को इस बार दोगुना किया गया है ताकि किसी को असुविधा न हो। हल्द्वानी, काठगोदाम, नैनीताल, कालाढूंगी, और भवाली जैसे स्थानों से ये सेवाएं चलेंगी।
श्रद्धालुओं में उत्साह चरम पर
बाबा नीम करोली के भक्तों में इस पावन अवसर को लेकर उत्साह चरम पर है। टेक जगत की मशहूर हस्तियां जैसे स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग भी कैंची धाम से जुड़ी प्रेरणा का उल्लेख कर चुके हैं। इस बार का आयोजन न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि प्रशासनिक तैयारी का भी एक शानदार उदाहरण बनने जा रहा है।