
देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड एसटीएफ ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की है। एसटीएफ ने नैनीताल जिले के काठगोदाम क्षेत्र में छापेमारी कर साइबर अपराध में लिप्त 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई के दौरान 23 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 9 बैंक खातों की जानकारी, 17 सक्रिय सिम कार्ड, बार कोड स्कैनर और वाईफाई डिवाइस सहित भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में जतिन पांडे, कमल किशोर, हर्ष बोरा, कौशल किशोर उर्फ आशीष ठाकुर, प्रेम कुमार और करन केवट शामिल हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यह पूरा नेटवर्क साइबर ठग सचिन मित्तल द्वारा संचालित किया जा रहा था, जो इस गिरोह का मुख्य सरगना है।
ठगी का तरीका और प्रशिक्षण
एसटीएफ जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइटों और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे TOOFAN777, TOOFAN247, MY99EXCH.COM आदि का इस्तेमाल करते हुए लोगों से पैसे की ठगी कर रहे थे। इसके लिए वे व्हाट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप्स के माध्यम से फर्जी बैंक खाते और मोबाइल नंबर प्राप्त करते थे। इन खातों में अलग-अलग राज्यों से धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर कर उसे तुरंत अन्य खातों में भेजा जाता था।
आरोपी जतिन पांडे ने बताया कि उसे साइबर अपराध से संबंधित पूरी ट्रेनिंग सचिन मित्तल और प्रियांशु शर्मा द्वारा दी गई थी। आरोपियों को हर माह 20 से 25 हजार रुपये वेतन पर रखा गया था और ठगी के लिए आवश्यक सभी संसाधन जैसे लैपटॉप, मोबाइल, इनवर्टर, कूलर, फर्नीचर आदि गिरोह द्वारा मुहैया कराए गए थे।
स्पीड पोस्ट से आते थे फर्जी दस्तावेज
साइबर अपराध में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की जानकारी और उनसे जुड़े सिम कार्ड स्पीड पोस्ट के जरिए भेजे जाते थे। यह दस्तावेज आमतौर पर गिरोह के सहयोगी सौरभ तिवारी के पते पर मंगवाए जाते थे, जिनका उपयोग ओटीपी प्राप्त करने और नेट बैंकिंग ट्रांजैक्शन के लिए होता था।
12 शिकायतों का मिला रिकॉर्ड
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर के अनुसार, बरामद बैंक खातों की जांच JIMS पोर्टल पर की गई, जहां 1930 साइबर हेल्पलाइन पर 12 अलग-अलग शिकायतें दर्ज पाई गईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह गिरोह लंबे समय से संगठित साइबर ठगी में लिप्त था।
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ काठगोदाम थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। STF की यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।