
अहमदाबाद में शुक्रवार रात हुआ विमान हादसा पूरे देश को झकझोर देने वाला साबित हुआ। इस दर्दनाक हादसे में मृतकों की संख्या अब 275 पहुंच गई है। शनिवार को राहत एवं बचाव कार्य के दौरान बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर से विमान के पिछले हिस्से (टेल सेक्शन) में फंसा एक और शव बरामद किया गया। शुरुआती जांच में ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह शव विमान में तैनात एक एयर होस्टेस का हो सकता है। शव को मलबे से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और इसकी पहचान के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 241 की मौके पर ही मौत हो गई। केवल एक यात्री को इस भीषण दुर्घटना में चमत्कारिक रूप से जीवित बचा लिया गया। इसके अलावा बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में मौजूद 34 लोग भी हादसे की चपेट में आ गए और अपनी जान गंवा बैठे। मृतकों में 5 डॉक्टर और 29 हॉस्टल स्टाफ तथा अन्य लोग शामिल हैं।
DNA सैंपलिंग और पहचान का कठिन दौर
सिविल अस्पताल में लगातार मृतकों की पहचान और पोस्टमॉर्टम का काम जारी है। अब तक 270 से अधिक शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है। अधिकारियों के मुताबिक, करीब 230 शवों के DNA सैंपल लिए जा चुके हैं ताकि शिनाख्त का काम तेज हो सके। हालांकि, हादसे की तीव्रता और शवों की स्थिति ऐसी है कि अब तक सिर्फ 8 शवों की पहचान हो पाई है।
अस्पताल परिसर में मृतकों के परिजन भारी संख्या में जुटे हुए हैं। हर कोई अपने परिजन की कोई खबर पाने की उम्मीद में वहां डटा हुआ है। परिजनों की पीड़ा को देखते हुए प्रशासन ने सिविल अस्पताल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी है। पोस्टमॉर्टम यूनिट और शवगृह के आसपास आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमें
घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। NDRF, SDRF, दमकल विभाग और स्थानीय पुलिस की टीमें मलबा हटाने और शवों की खोज में जुटी हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि मलबे में अभी और शव फंसे हो सकते हैं और जब तक पूरा मलबा हट नहीं जाता, तब तक बचाव कार्य जारी रहेगा।
शनिवार सुबह से ही मलबा हटाने का काम फिर शुरू किया गया। इसी दौरान विमान के टेल सेक्शन में एक शव दिखाई दिया, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। इस शव की हालत ऐसी थी कि उसकी शिनाख्त मौके पर संभव नहीं हो सकी। शव को सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां उसका पोस्टमॉर्टम कर DNA सैंपल लिया गया।
हादसे की वजह पर जांच जारी
अधिकारियों ने हादसे की वजह जानने के लिए जांच शुरू कर दी है। विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और विशेषज्ञ इसकी जांच में जुटे हैं। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, तकनीकी खराबी और खराब मौसम को हादसे की बड़ी वजह माना जा रहा है। हालांकि, सटीक कारणों का खुलासा ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग और विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद ही होगा।
नागर विमानन मंत्रालय की एक विशेष टीम भी अहमदाबाद पहुंच गई है और घटनास्थल का निरीक्षण कर रही है। इसके अलावा विमान बनाने वाली कंपनी और एयरलाइंस के तकनीकी विशेषज्ञ भी जांच में सहयोग कर रहे हैं।
पीड़ित परिवारों की व्यथा
हादसे के बाद से सिविल अस्पताल के बाहर पीड़ित परिवारों की आंखों में आंसू और दिल में उम्मीदें लेकर भारी भीड़ जुटी हुई है। कई परिवारों को अपने परिजन की स्थिति की जानकारी नहीं है और वे हर आती-जाती एंबुलेंस की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। कुछ परिजन अस्पताल प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कई लोग बेहोश होकर गिरते देखे गए।
प्रशासन की ओर से परिजनों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया गया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन कर रही है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
राज्य के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हादसे की पूरी निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता सभी शवों को बाहर निकालने और उनकी पहचान कर परिजनों को सौंपने की है।
देशभर से संवेदनाएं
अहमदाबाद विमान हादसे ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य लोगों ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं जाहिर की हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग मृतकों के लिए शोक संदेश और श्रद्धांजलि व्यक्त कर रहे हैं।
अभी राहत कार्य जारी रहेगा
NDRF और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के अनुसार, मलबा हटाने और शवों की तलाश का काम अगले कुछ दिन तक जारी रह सकता है। मलबे का दायरा बड़ा होने और उसकी जटिलता के कारण कार्य में समय लग रहा है। इसके अलावा मौके पर मौजूद भवनों को भी सुरक्षित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें।