
हल्द्वानी के रकसिया और देवखड़ी नालों के किनारे बने 500 से अधिक मकानों पर प्रशासन की नजर है। अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए सभी कब्जाधारकों को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर खुद से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले से क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।
प्रशासन से की कार्रवाई रोकने की मांग
नोटिस जारी होने के बाद मंगलवार को बड़ी संख्या में प्रभावित लोग हल्द्वानी के एसडीएम कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन अचानक उन्हें उजाड़ने पर तुला है, जबकि वर्षों से वे वहां निवास कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की।
20 हजार से अधिक लोग हो सकते हैं बेघर
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस अभियान से करीब 20,000 से अधिक लोग सीधे प्रभावित होंगे। इनमें अधिकांश निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार हैं, जिनके सामने बेघर होने का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
“गरीबों पर चल रहा बुलडोजर” – प्रदर्शनकारियों का आरोप
प्रदर्शन कर रहे नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि कार्रवाई केवल गरीबों पर हो रही है। बड़े बिल्डर जो नालों पर अतिक्रमण कर बैठे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मसले का स्थायी और न्यायसंगत समाधान निकाला जाए।
15 दिन बाद बलपूर्वक हटाया जाएगा अतिक्रमण
एसडीएम राहुल शाह ने जानकारी दी कि रकसिया नाले पर 286 और देवखड़ी नाले पर 206 अतिक्रमण दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नालों में अतिक्रमण के चलते जल निकासी बाधित हो रही है और बरसात में पानी सड़कों तक फैल रहा है। प्रशासन नाले की चौड़ाई फिर से बहाल करना चाहता है।
स्थायी समाधान की मांग
स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने नोटिस वापस नहीं लिया और जबरन कार्रवाई की तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके लिए स्थायी और मानवीय समाधान की व्यवस्था की जाए, जिससे उनका जीवन और आशियाना सुरक्षित रह सके।