
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में भव्य योग कार्यक्रम में भाग लिया। इस आयोजन में लगभग तीन लाख लोगों ने एक साथ योगाभ्यास किया। पीएम मोदी ने योग सत्र में हिस्सा लेने के साथ-साथ एक विशेष कार्यक्रम को भी संबोधित किया, जिसमें उन्होंने योग के वैश्विक प्रभाव और इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा की।
दुनिया ने अपनाया योग, 175 देशों का भारत को समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में उस समय को याद किया जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में विश्व के 175 से अधिक देशों ने योग का समर्थन किया और इसे अपनाया, जो भारत की सांस्कृतिक शक्ति और मानवता के प्रति उसके दृष्टिकोण को दर्शाता है।
योग तनाव भरे समय में शांति का माध्यम
पीएम मोदी ने कहा कि आज की दुनिया में तनाव और अस्थिरता लगातार बढ़ रही है। ऐसे में योग एक ऐसा “पॉज बटन” है जो मानवता को ठहरने, सोचने और फिर से संपूर्ण बनने का अवसर देता है। उन्होंने योग को एक ऐसी जीवन पद्धति बताया जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को स्थापित करती है।
हर स्थान से उठ रही है एक ही आवाज – योग सभी के लिए है
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बताया कि योग अब केवल भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दुनिया भर में लोग इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि चाहे ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, हिमालय की चोटी, समुद्र का किनारा या नौसेना के जहाज – हर जगह योग का अभ्यास हो रहा है। यहां तक कि अंतरिक्ष में भी भारतीय वैज्ञानिक योग करते हैं।
2025 की थीम: ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’
इस वर्ष के योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी के लिए योग, एक स्वास्थ्य के लिए योग” पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विषय पृथ्वी और मानवता के बीच के गहरे संबंध को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि मानव स्वास्थ्य उस मिट्टी, जल, जानवरों और पौधों के स्वास्थ्य से जुड़ा है जो हमारे पर्यावरण का हिस्सा हैं। योग हमें इस पारिस्थितिक संतुलन के प्रति जागरूक करता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सशक्त हो रहा है योग
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अब योग को आधुनिक विज्ञान और चिकित्सा से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां हुए शोधों से यह साबित हुआ है कि योग हृदय रोग, तंत्रिका संबंधी विकार, मानसिक स्वास्थ्य और महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी है। उन्होंने कहा कि साक्ष्य आधारित चिकित्सा में योग की भूमिका को और सशक्त किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री का वैश्विक संदेश: योग को जीवन का हिस्सा बनाएं
कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने दुनिया भर के लोगों से अपील की कि वे योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। उन्होंने इसे शांति, संतुलन और मानव कल्याण का माध्यम बताते हुए कहा कि योग न केवल शरीर के लिए बल्कि पूरी पृथ्वी के लिए लाभकारी है।