
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण और ‘पंतनगर प्रवाह’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।
मेले में आयोजित रजत जयंती राज्य स्थापना गोष्ठी एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी में 400 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 200 से अधिक स्टॉल देश के विभिन्न राज्यों से आए कृषि उद्योगों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों द्वारा लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कृषि मेले किसानों के लिए नवीनतम कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, आधुनिक यंत्रों और नई शोधों की जानकारी का बड़ा मंच हैं। इससे किसान विशेषज्ञों से सीखने के साथ अपने अनुभव भी साझा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस मेले में प्रदर्शित की जा रही आधुनिक तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से हमारे किसान भाई पारंपरिक तरीकों के साथ नई वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर अपनी खेती को अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बना पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत “विकसित राष्ट्र” बनने के संकल्प की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में शुरू की गई “पीएम धन धान्य कृषि योजना” (₹24,000 करोड़) और “दलहन उत्पादकता मिशन” (₹11,500 करोड़) किसानों के लिए बड़ी सौगात हैं।
राज्य सरकार भी किसानों के उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में नहरों से सिंचाई को मुफ्त किया गया है तथा पॉलीहाउस निर्माण हेतु ₹200 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत अब तक ₹115 करोड़ की सहायता से लगभग 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही ग्रेडिंग-सॉर्टिंग यूनिट्स के लिए भी अनुदान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर हम न केवल किसानों की प्रगति पर चर्चा कर रहे हैं बल्कि नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता (UCC) पर भी संवाद कर रहे हैं।
जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय की छात्राओं पूजा जोशी, नीति शर्मा और निधि अवस्थी ने क्रमशः समान नागरिक संहिता, किसान मेले की प्रगति और नकल विरोधी कानून पर अपने विचार रखे, जबकि “स्मृद्धि किसान उत्पादक संगठन” की सीमा रानी ने अपने सफल खेती के अनुभव साझा किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को समाप्त कर सभी नागरिकों के बीच समानता और समरसता स्थापित करने का संवैधानिक उपाय है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने यूसीसी और नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।