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India-US Trade Deal: 2025 तक भारत-अमेरिका के बीच हो सकता है ऐतिहासिक व्यापार समझौता

A historic trade agreement can be reached between India and America by 2025

ट्रंप के टैरिफ अटैक के बीच भारत की स्पष्ट रणनीति
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के बीच भारत ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए अमेरिका के साथ एक व्यापक व्यापार समझौते की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच 2025 के अंत तक एक ठोस ट्रेड डील को अंतिम रूप दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ट्रंप प्रशासन से इस मुद्दे पर रचनात्मक और सकारात्मक संवाद जारी है, और भारत इस समझौते के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है।

भारत बना पहला देश जो ट्रंप से डील की पहल कर रहा है
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत फिलहाल दुनिया का पहला देश है जिसने ट्रंप प्रशासन से व्यापार समझौते की पहल की है। उन्होंने कहा कि यह डील अप्रैल या मई में नहीं होगी, लेकिन वर्ष के अंत तक इसे अंतिम रूप देने की उम्मीद है। भारत का यह रुख वैश्विक स्तर पर भी एक अहम संकेत माना जा रहा है।

भारत पर 26% टैरिफ, कई उद्योगों पर असर की आशंका
अमेरिका ने अपने नए टैरिफ नियमों के तहत पांच बड़े देशों पर शुल्क लागू कर दिए हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। भारत पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है, जिससे उन उद्योगों को खासा नुकसान हो सकता है जो अमेरिका को निर्यात करते हैं या वहां सेवाएं प्रदान करते हैं। विशेष रूप से टेक्सटाइल, फार्मा और आईटी सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं।

नुकसान का आंकलन जारी, लेकिन रणनीति तैयार
एस. जयशंकर ने माना कि अभी इस टैरिफ के वास्तविक प्रभाव का आकलन किया जा रहा है, लेकिन भारत इसके लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने पर जोर दे रहा है और अमेरिका के साथ यह संवाद संतुलित और रचनात्मक माहौल में हो रहा है।

वैश्विक मंदी की आशंका के बीच भारत का संतुलित रुख
ट्रंप की टैरिफ नीति से जहां वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ गई है, वहीं भारत का संवादात्मक दृष्टिकोण वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। चीन, ब्राजील और यूरोपीय यूनियन जैसे देश जहां नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, वहीं भारत सहयोग की राह अपना रहा है।

मोदी-ट्रंप मुलाकात के बाद दिखी प्रगति
फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद ट्रेड डील पर चर्चा को नई दिशा मिली है। जयशंकर ने कहा कि भारत का मकसद टकराव नहीं, बल्कि सहयोग से अपने हितों की रक्षा करना है। यह डील आने वाले वर्षों में भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई दे सकती है।

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