
बंपर उत्पादन से गिरी कीमतें, किसानों को हो रहा था नुकसान
नासिक: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान जैसे प्रमुख कृषि उत्पादक राज्यों में इस साल प्याज की बंपर फसल हुई, जिससे देशभर में इसकी कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई। किसानों को उम्मीद थी कि उनकी उपज उन्हें अच्छा मुनाफा दिलाएगी, लेकिन मांग से अधिक आपूर्ति के कारण कीमतें तेजी से गिर गईं, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा।
सरकार ने हटाया 20% निर्यात शुल्क, 1 अप्रैल से लागू होगा नया नियम
किसानों की समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए प्याज पर लगे 20% निर्यात शुल्क को वापस लेने का ऐलान किया। यह नया नियम 1 अप्रैल से प्रभावी होगा। पिछले कुछ महीनों से किसान सरकार से इस शुल्क को हटाने की मांग कर रहे थे, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपज को सही कीमत पर बेच सकें। सरकार के इस फैसले से प्याज उत्पादकों को बड़ी राहत मिली है और वे अब अपनी फसल का बेहतर दाम मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
क्यों लगाया गया था निर्यात शुल्क?
पिछले साल सितंबर में सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति बनाए रखने और कीमतों को स्थिर रखने के लिए निर्यात पर 20% शुल्क लगाया था। इसके अलावा, घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने प्याज निर्यात पर कई अन्य प्रतिबंध भी लागू किए थे। हालांकि, किसानों के लगातार विरोध और उत्पादन बढ़ने के कारण अब सरकार ने यह शुल्क हटाने का फैसला लिया है।
किसानों की प्रतिक्रिया: “निर्यात पर बार-बार प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए”
सरकार के इस फैसले से किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। प्याज उत्पादकों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भविष्य में निर्यात शुल्क और निर्यात प्रतिबंध बार-बार नहीं लगाए जाने चाहिए, क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। किसानों का कहना है कि सरकार को लॉन्ग-टर्म पॉलिसी बनानी चाहिए, जिससे वे अपनी फसल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्बाध रूप से बेच सकें।
बाजार पर असर: कीमतों में आ सकती है तेजी
विशेषज्ञों का मानना है कि निर्यात शुल्क हटने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय प्याज की मांग बढ़ सकती है, जिससे किसानों को उचित दाम मिलेंगे। इससे घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में भी कुछ हद तक सुधार आ सकता है।
आगे क्या?
सरकार के इस कदम से किसानों को तत्काल राहत जरूर मिली है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि उत्पादों पर बार-बार प्रतिबंध और शुल्क लगाने से किसानों को नुकसान होता है। किसानों की मांग है कि सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जो स्थायी रूप से कृषि उत्पादों के निर्यात को सुगम बनाएं और उन्हें बेहतर मुनाफा दिलाएं।
प्याज किसानों के लिए यह राहत भरी खबर है, लेकिन आने वाले समय में सरकार की नीतियां कैसी रहेंगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।