नई दिल्ली: भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी पर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने और 250 मिलियन डॉलर (लगभग 2,100 करोड़ रुपये) की रिश्वतखोरी के आरोपों के चलते गुरुवार को अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में 20% तक की भारी गिरावट दर्ज की गई। इस बिकवाली के कारण अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में 2.60 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
भारी गिरावट के आंकड़े
गुरुवार के कारोबार के बाद अडाणी समूह की सभी 10 लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 11.91 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जो मंगलवार को 11.63 लाख करोड़ रुपये था। इस गिरावट से समूह को बड़ा वित्तीय झटका लगा है, और निवेशकों में अस्थिरता और अविश्वास का माहौल बन गया है।
क्या हैं आरोप?
अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, और अन्य अधिकारियों ने 2020 से 2024 के बीच सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत दी। इन परियोजनाओं से अडाणी समूह को 2 बिलियन डॉलर (16,600 करोड़ रुपये) से अधिक का लाभ हुआ।
यह भी आरोप लगाया गया है कि अडाणी समूह ने इन कथित रिश्वतखोरी गतिविधियों को अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से छुपाया। अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से जुटाए गए अरबों डॉलर इस परियोजना के लिए इस्तेमाल किए गए।
शेयरों में गिरावट का प्रभाव
- अडाणी ग्रीन एनर्जी: 20% तक गिरावट।
- अडाणी एंटरप्राइजेज: 10% की गिरावट, 2,538.20 रुपये पर बंद।
- अडाणी टोटल गैस और अडाणी पावर: 13-14% की गिरावट।
- एनडीटीवी: 11% की गिरावट।
- अन्य कंपनियों जैसे अडाणी विल्मर, अंबुजा सीमेंट्स, और एसीसी में भी 10% तक गिरावट दर्ज की गई।
निवेशकों के लिए चेतावनी
इस भारी गिरावट से निवेशकों के 2.60 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ये आरोप समूह की वैश्विक साख और वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।
अमेरिकी कानून और संभावित कार्रवाई
अमेरिकी कानून विदेशी भ्रष्टाचार के मामलों को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है, खासकर जब इनमें अमेरिकी निवेशकों या बाजारों से संबंधित गतिविधियां शामिल हों।
अडाणी समूह की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक, अडाणी समूह ने इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। निवेशक और बाजार विशेषज्ञ समूह की प्रतिक्रिया और अमेरिकी एजेंसियों की अगली कार्रवाई पर नजर बनाए हुए हैं।
बाजार पर व्यापक असर
इस घटना ने न केवल अडाणी समूह बल्कि भारतीय बाजारों में भी चिंता की लहर फैला दी है। आरोपों की जांच और कानूनी प्रक्रिया समूह के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।