
हरिद्वार – उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर एक नया सामाजिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। धार्मिक नगरी हरिद्वार में बड़ी संख्या में लिव-इन कपल्स अपने रिश्ते का कानूनी रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए उप जिलाधिकारी (SDM) कार्यालय पहुंच रहे हैं। युवाओं में इस कानून को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
लिव-इन को मिली कानूनी मान्यता
UCC लागू होने के बाद अब लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत साथ रहने वाले जोड़ों को 30 दिन के भीतर अपने रिश्ते को रजिस्टर करवाना अनिवार्य है। इस नए कानून से रिश्तों को वैधानिक सुरक्षा मिलने लगी है, जिससे खासतौर पर महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति अधिक आश्वस्त हो रही हैं।
SDM कार्यालय में उमड़ी भीड़
हरिद्वार के SDM कार्यालय में बीते कुछ दिनों में लिव-इन रजिस्ट्रेशन के लिए दर्जनों आवेदन प्राप्त हुए हैं। रोजाना बड़ी संख्या में युवक-युवतियां आवेदन पत्र लेकर पहुंच रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि यह संख्या धीरे-धीरे और बढ़ रही है, और लोग अब अपने रिश्तों को सामाजिक रूप से स्वीकार करवाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
इस प्रक्रिया के तहत दोनों व्यक्तियों को लिखित रूप में यह घोषित करना होता है कि वे बालिग हैं, आपसी सहमति से साथ रह रहे हैं और उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है। इसके बाद एक सार्वजनिक सूचना जारी की जाती है, ताकि किसी को आपत्ति हो तो वह दर्ज कर सके। अगर 30 दिन तक कोई आपत्ति नहीं आती, तो यह रिश्ता कानूनी रूप से मान्य हो जाता है।
महिलाओं को मिलेगा अधिकार और सुरक्षा
UCC की इस व्यवस्था से महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा। उन्हें संपत्ति, विरासत और सुरक्षा के अधिकार कानूनी रूप से मिल सकेंगे। इससे न सिर्फ समाज में पारदर्शिता आएगी बल्कि युवाओं को भी जिम्मेदारी के साथ रिश्तों को निभाने की सीख मिलेगी।
नए कानून से समाज में जागरूकता
हरिद्वार में यह बदलाव समाज के बदलते नजरिए को दर्शाता है। जहां कभी लिव-इन को सामाजिक रूप से गलत माना जाता था, अब वही रिश्ते सरकार की निगरानी में कानूनी सुरक्षा पा रहे हैं। UCC लागू होने से यह तय हो गया है कि अब निजी रिश्तों को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा, जिससे सामाजिक संतुलन बना रहेगा।