
बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर आज से एयरो इंडिया 2025 का भव्य आयोजन शुरू हो रहा है, जो 14 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान भारतीय वायुसेना अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन करेगी। इस एयर शो का थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन ऑपर्च्युनिटीज’ रखा गया है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना और भारत की एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में बढ़ती क्षमताओं को उजागर करना है।
दुनिया भर की रक्षा कंपनियां लेंगी भाग
इस मेगा इवेंट में दुनिया भर की टॉप डिफेंस कंपनियां, एयरोस्पेस निर्माता और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे। कुल 700 से अधिक प्रदर्शक अपने इनोवेशन और क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। इसमें हाई प्रोफाइल सरकारी प्रतिनिधिमंडल, रक्षा मंत्री और रक्षा उद्योग के दिग्गज भी मौजूद रहेंगे।
पहले तीन दिन व्यावसायिक चर्चा, अंतिम दो दिन आम जनता के लिए खुले
एयर शो के पहले तीन दिन विशेष रूप से कमर्शियल विजिटर्स के लिए निर्धारित किए गए हैं, जहां रक्षा सौदों, निवेश और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा होगी। अंतिम दो दिन आम जनता के लिए खुले होंगे, जिसमें रोमांचकारी हवाई करतब और विमानन से जुड़ी नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा।
रूसी एसयू-57 और अमेरिकी एफ-35 होंगे आकर्षण का केंद्र
इस साल के एयरो इंडिया शो का मुख्य आकर्षण रूस का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान एसयू-57 (Su-57) होगा, जो पहली बार अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरेगा। इसके अलावा, अमेरिकी वायुसेना दो एफ-16 (F-16) और दो एफ-35 (F-35) का प्रदर्शन करेगी। यह पहली बार होगा जब ये प्रतिद्वंद्वी पांचवीं पीढ़ी के जेट विमान एक साथ किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश किए जाएंगे।
एम्ब्रेयर KC-390 और अन्य वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियां होंगी शामिल
ब्राजील की एयरोस्पेस दिग्गज एम्ब्रेयर KC-390 मिलेनियम भी इस शो में अपने मध्यम परिवहन विमान का प्रदर्शन करेगी, जो भारत की एयरलिफ्ट क्षमता को मजबूत करने के लिए एक प्रमुख विकल्प माना जा रहा है। इसके अलावा, बोइंग, डसॉल्ट और लॉकहीड मार्टिन जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियां भी अपनी नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन करेंगी।
‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा
एयरो इंडिया 2025 भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूती देगा। यह कार्यक्रम विदेशी निवेश को आकर्षित करने और भारतीय रक्षा कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए एक प्रभावी मंच साबित होगा। रक्षा मंत्रालय का लक्ष्य इस आयोजन के जरिए भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को और सशक्त बनाना है, जिससे देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
बेंगलुरु में आयोजित यह मेगा इवेंट न केवल भारतीय वायुसेना की शक्ति का प्रदर्शन करेगा, बल्कि एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में भारत के वैश्विक कद को भी मजबूत करेगा।