
अयोध्या: राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 10 से 13 जनवरी तक चलने वाले इन उत्सवों की शुरुआत आज रामलला के अभिषेक और महाआरती के साथ हुई। रामलला ने सोने-चांदी के तारों से बनी पीतांबरी धारण कर भक्तों को दर्शन दिए।
तीन दिवसीय उत्सव: भक्ति और संस्कृति का संगम
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के उत्सव में लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। मंदिर को विदेशी फूलों से सजाया गया है, और पूरे परिसर में दिव्यता और भव्यता का अनुभव किया जा रहा है। मंदिर परिसर में 6 लाख श्रीराम बीज मंत्र के जाप और 21 वैदिक आचार्यों द्वारा यज्ञ किया जा रहा है।
मुख्य कार्यक्रम
- अभिषेक और महाआरती:
सुबह 10:20 बजे पंचामृत से रामलला का अभिषेक किया गया। इसमें सरयू नदी का पवित्र जल भी शामिल किया गया। - विशेष पोशाक और आभूषण:
रामलला ने सोने-चांदी के तारों से बनी पीतांबरी और हीरा-पन्ना जड़े मुकुट धारण किए। - 56 भोग:
भगवान रामलला को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और राम कथा
दोपहर 2 बजे अंगद टीला पर राम कथा और श्रीराम के जीवन पर प्रवचन हुआ। आज शाम को विख्यात कवि और कथाकार डॉ. कुमार विश्वास भगवान राम के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित प्रस्तुति देंगे।
अयोध्या में भक्ति का उत्सव
शाम 6 बजे से 9 बजे तक रामलला का बधाई गान और धार्मिक ग्रंथों का पाठ किया जाएगा। इसमें हनुमान चालीसा, श्रीराम स्त्रोत, और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ शामिल है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर सोशल मीडिया पर लिखा कि राम मंदिर सदियों की तपस्या और संघर्ष का परिणाम है। यह मंदिर हमारी संस्कृति और अध्यात्म की धरोहर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस आयोजन की प्रशंसा की।
वेदिका: रामलला की प्रतीकात्मक झलक
महाराष्ट्र से आई एक बच्ची वेदिका, जो रामलला की मूर्ति से मिलते-जुलते चेहरे के कारण चर्चित है, उत्सव का केंद्र रही। उसकी मां ने बताया कि वेदिका भगवान राम की सच्ची भक्त है और उनके जीवन से प्रेरणा लेती है।
अयोध्या में उत्सव का माहौल
इस उत्सव ने अयोध्या को आध्यात्मिकता और भक्ति से सराबोर कर दिया है। हर गली और हर घर में रामलला की पूजा हो रही है। इस आयोजन ने भगवान राम के जीवन और उनकी मर्यादा को एक बार फिर केंद्र में ला दिया है।