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बेलगावी के सरकारी शिक्षक ने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए कराई हवाई यात्रा, ग्रामीण शिक्षा को नया प्रोत्साहन

Belgaum government teacher arranges air travel to increase student attendance, new boost to rural education

बेलगावी: कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए एक अनोखा कदम उठाया है। सोनाट्टी सरकारी सीनियर प्राइमरी कन्नड़ स्कूल के शिक्षक प्रकाश देयनवर ने 17 छात्रों को अपने खर्चे पर हवाई यात्रा का अनुभव कराने का निर्णय लिया। अपने इस प्रयास से उन्होंने न केवल बच्चों का उत्साह बढ़ाया, बल्कि शिक्षा में रुचि भी जगाई। ये सभी छात्र पहली बार हवाई जहाज की यात्रा कर रहे थे, जिससे उनके गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।

शिक्षक प्रकाश देयनवर ने बताया कि एक साल पहले उन्होंने छात्रों को स्कूल में नियमित उपस्थिति के लिए प्रोत्साहित करने का अनोखा वादा किया था। उन्होंने कहा था कि जो छात्र नियमित रूप से स्कूल आएंगे, उन्हें हवाई यात्रा पर ले जाया जाएगा। इस वादे के अनुसार, उन्होंने 17 छात्रों को चुना, जो प्रतिदिन स्कूल आते रहे। इस यात्रा के लिए उन्होंने कुल 2.50 लाख रुपये का खर्च किया, जिसमें से 2 लाख रुपये खुद उनकी जेब से थे और बाकी 3-3 हजार रुपये प्रति छात्र ने दिए। इस राशि के सहयोग से प्रकाश ने छात्रों को बेलगावी के सांबरा एयरपोर्ट से हैदराबाद की यात्रा कराई, जहाँ उन्होंने दो दिन का ऐतिहासिक और शैक्षिक दौरा किया।

एक यादगार अनुभव: हैदराबाद की ऐतिहासिक यात्रा

 

हैदराबाद में छात्रों ने रामोजी फिल्म सिटी, चारमीनार, गोलकोंडा किला, सालार जंग संग्रहालय और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा किया। यह यात्रा बच्चों के लिए एक अद्वितीय अनुभव साबित हुई। छात्रा संस्कृति पट्टारा ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि आसमान में उड़ते विमान को देखकर हमेशा से उसका भी फ्लाइट में सफर करने का सपना था। वह काफी उत्साहित थी और उसके शिक्षक प्रकाश सर ने उसके इस सपने को साकार किया। संस्कृति ने बताया कि उसने कभी स्कूल से छुट्टी नहीं ली और इस कारण उसे इस यात्रा में शामिल होने का अवसर मिला।

एक अन्य छात्र शिवप्रसाद ने कहा कि उसके गांव में किसी ने भी आज तक हवाई यात्रा नहीं की थी, लेकिन आज वह खुद पहली बार विमान में बैठने का सौभाग्य प्राप्त कर रहा है। उसने कहा कि हैदराबाद की यात्रा के बाद भी वह नियमित रूप से स्कूल जाता रहेगा और इस अनोखे अनुभव को कभी नहीं भूलेगा।

शिक्षक प्रकाश देयनवर का समर्पण

 

प्रकाश देयनवर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति रुचि कम होती है और नियमित उपस्थिति की कमी के कारण बच्चे अक्सर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इसे देखते हुए उन्होंने छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाने का यह अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने कहा, “हमने बच्चों में विमान यात्रा करने की इच्छा जगाई, जिससे उनकी उपस्थिति में वृद्धि हुई।” उन्होंने यह भी बताया कि उनका परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने बचत से 2 लाख रुपये अलग से रखकर छात्रों को यह अनोखा अनुभव देने का फैसला किया। उनके इस समर्पण ने छात्रों के जीवन में एक अलग प्रेरणा का संचार किया है।

स्कूल में सकारात्मक बदलाव

 

सोनाट्टी सरकारी स्कूल को पहले पिछड़े स्कूलों में गिना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में शिक्षक प्रकाश देयनवर और उनके सहयोगियों की मेहनत के कारण स्कूल में सुधार देखने को मिला है। एक अन्य शिक्षक रमेश गोनी ने कहा कि पहले यह स्कूल शिक्षा के मामले में काफी पिछड़ा हुआ था, लेकिन अब यह एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रेरणात्मक पहल दूसरे स्कूलों को भी अपनानी चाहिए और शिक्षा में बदलाव के लिए अन्य लोग भी आगे आएं। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि वे सरकारी स्कूलों के विकास में सहयोग करें और शिक्षा में सुधार के प्रयासों को सहयोग दें।

प्रेरणा और उत्साह का संचार

 

शिक्षक प्रकाश देयनवर के इस प्रयास ने न केवल सोनाट्टी के बच्चों को प्रेरित किया बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक मिसाल कायम की है। इस यात्रा ने बच्चों को यह दिखा दिया कि शिक्षा का महत्व केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन्हें नए अनुभव और अनंत संभावनाओं की ओर ले जा सकती है। शिक्षक देयनवर का यह अनोखा कदम सरकारी स्कूलों में शिक्षा के प्रति रुचि और उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आया है।

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