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बेरीनाग: एंबुलेंस न मिलने पर बहन ने भाई के शव को टैक्सी की छत पर ले जाने को किया मजबूर

Berinag: Sister forced to carry brother's body on the roof of taxi after not getting ambulance

बेरीनाग: उत्तराखंड के बेरीनाग में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। आर्थिक तंगी और एंबुलेंस सेवा की कमी के चलते एक युवती को अपने भाई के शव को 195 किलोमीटर दूर टैक्सी की छत पर बांधकर ले जाना पड़ा। घटना के बाद राज्यभर में हड़कंप मच गया, और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

एंबुलेंस वालों ने मांगे मनमाने पैसे

7 दिसंबर को पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग की रहने वाली शिवानी को हल्द्वानी से अपने भाई अभिषेक का शव ले जाना था। लेकिन जब उसने एंबुलेंस वालों से संपर्क किया, तो उन्होंने 10 से 15 हजार रुपये किराया मांगा। आर्थिक रूप से असमर्थ शिवानी ने टैक्सी का सहारा लिया। गाड़ी में जगह न होने के कारण उसे शव को टैक्सी की छत पर बांधकर घर लाना पड़ा।

सीएम धामी ने दिए सख्त जांच के आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव को पूरे मामले की विस्तृत जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा गया है।

स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर उठे सवाल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्वीकार किया कि हल्द्वानी मोर्चरी केंद्र में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य सचिव ने कुमाऊं मंडल में एंबुलेंस की संख्या और उनकी तैनाती के संबंध में जानकारी मांगी है। इस घटना ने उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर कर दिया है।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

मृतक अभिषेक, जो हाल ही में अपनी बहन के पास नौकरी के लिए आया था, की मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिजनों ने बताया कि घर का इकलौता बेटा अब उनके बीच नहीं है, और गांव में शोक का माहौल है।

प्रशासन ने की आर्थिक मदद

डीएम विनोद गोस्वामी के निर्देश पर प्रशासनिक टीम ने मृतक के परिवार को सांत्वना दी और 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की। मुख्यमंत्री राहत कोष से भी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया गया है।

एंबुलेंस सेवाओं पर तीमारदारों के आरोप

घटना ने निजी एंबुलेंस सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल में मौजूद तीमारदारों ने आरोप लगाया कि निजी एंबुलेंस संचालक मनमाने किराए वसूलते हैं और उन पर कोई नियंत्रण नहीं है।

यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मानवीयता के प्रति जिम्मेदारी की मांग को मजबूती से उठाती है।

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