
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद अब मुख्यमंत्री के चयन को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व लगातार बैठकें कर रहा है और मंथन का दौर जारी है। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 फरवरी को विदेश दौरे से लौटने के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के साथ मंत्रीमंडल गठन पर भी चर्चा
दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा पांच मंत्री होते हैं। ऐसे में भाजपा को 48 विधायकों में से मुख्यमंत्री और पांच मंत्रियों का चयन करना है।
- भाजपा जातीय और सामाजिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश करेगी।
- विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों पर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
- छठी बार विधायक बने मोहन सिंह बिष्ट का नाम विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे बताया जा रहा है।
जातीय संतुलन और मंत्रिमंडल में संभावित चेहरे
1. अनुसूचित जाति (SC) का प्रतिनिधित्व अनिवार्य
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं, जिनमें से भाजपा ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है।
- ऐसे में तय माना जा रहा है कि SC समुदाय से कम से कम एक मंत्री बनाया जाएगा।
- राजकुमार चौहान (मंगोलपुरी), जो चौथी बार विधायक बने हैं और शीला दीक्षित सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, उनका नाम प्रमुख दावेदारों में शामिल है।
- अन्य नए SC विधायकों में कैलाश गंगवाल (मादीपुर), रविकांत उज्जैन (त्रिलोकपुरी) और रविंद्र इंद्रराज सिंह (बवाना) भी मंत्री पद की दौड़ में हैं।
2. सिख समुदाय को मिलेगा प्रतिनिधित्व
दिल्ली में तीन सिख विधायक भाजपा से चुनाव जीते हैं। भाजपा चाहती है कि सिख समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाए।
- अरविंदर सिंह लवली, तरविंदर सिंह मारवाह और मनजिंदर सिंह सिरसा में से एक को मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
- मनजिंदर सिंह सिरसा और अरविंदर सिंह लवली इस रेस में आगे बताए जा रहे हैं।
3. महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित
इस बार चुनाव में पांच महिलाएं विधायक बनीं, जिनमें चार भाजपा की हैं।
- यदि मुख्यमंत्री महिला नहीं बनती, तो कैबिनेट में एक महिला मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
- रेखा गुप्ता (शालीमार बाग), शिखा राय (ग्रेटर कैलाश) और पूनम शर्मा (वजीरपुर) मंत्री बनने की प्रमुख दावेदार हैं।
- महिला को विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर भी नियुक्त किया जा सकता है।
4. जाट समाज का प्रतिनिधित्व
यदि भाजपा जाट समाज से मुख्यमंत्री नहीं बनाती, तो मंत्रिमंडल में एक मंत्री जाट समुदाय से लिया जाएगा।
- प्रवेश वर्मा और कैलाश गहलोत इस श्रेणी में मंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं।
5. वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व
- बिजेंद्र गुप्ता, जो दो बार दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं, मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक हैं।
- यदि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता, तो उनका मंत्री बनना लगभग तय है।
6. ब्राह्मण समाज को भी मिलेगा स्थान
- कपिल मिश्रा, ओम प्रकाश शर्मा और सतीश उपाध्याय में से किसी एक को मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
कब होगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री घोषित?
भाजपा की रणनीति के तहत मुख्यमंत्री का नाम घोषित करने से पहले जातीय समीकरणों को साधा जा रहा है।
- प्रधानमंत्री मोदी के 13 फरवरी को विदेश दौरे से लौटने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री के अलावा पांच मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के नामों की भी जल्द घोषणा हो सकती है।
➡ निष्कर्ष: दिल्ली में भाजपा की सरकार तो बन गई है, लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे और मंत्रिमंडल के गठन पर अभी सस्पेंस बरकरार है। जातीय और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भाजपा जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकती है।