
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) का बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त होगा, और उसके बाद पार्टी नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव शुरू करने की प्रक्रिया को तेज कर देगी। सूत्रों के अनुसार, अगले 4-5 दिनों में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल सहित अधिकांश बाकी राज्यों के भा.ज.पा. प्रदेश अध्यक्षों के नामों का आधिकारिक ऐलान किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
बीते कुछ महीनों में 18 से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के नाम तय कर दिए गए हैं, जिसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि अगले हफ्ते तक भा.ज.पा. के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव शुरू हो सकता है, और पार्टी को अप्रैल के दूसरे या तीसरे हफ्ते तक नया अध्यक्ष मिल सकता है।
जेपी नड्डा का कार्यकाल और विस्तार
भा.ज.पा. अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन जेपी नड्डा 2019 से ही पार्टी के अध्यक्ष हैं, और उन्हें दो बार विस्तार मिल चुका है। उनका अंतिम विस्तार 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए किया गया था, ताकि ‘निरंतरता’ बनी रहे।
निर्वाचक मंडल की प्रक्रिया
भा.ज.पा. के संविधान के अनुसार, नए अध्यक्ष का चुनाव निर्वाचक मंडल के मतदान द्वारा किया जाता है। इसके लिए यह जरूरी है कि कम से कम आधे राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव पूरा हो चुका हो। फिलहाल, 13 राज्यों में ही प्रदेश अध्यक्षों की प्रक्रिया पूरी हो पाई है, जिसमें बिहार और राजस्थान भी शामिल हैं।
जेपी नड्डा की दोहरी जिम्मेदारी
बीते साल जून से, जेपी नड्डा ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी निभानी शुरू की थी, जबकि भा.ज.पा. ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के नियम का पालन करती है। अब पार्टी को नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रक्रिया को पूरा करने की आवश्यकता है।