बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने उत्तराखंड ऊर्जा विभाग में हुई नियुक्तियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) में 2001 और 2003 में जूनियर इंजीनियर (जेई) और सहायक अभियंता (एई) के पदों पर नियमों की अनदेखी कर कुछ खास लोगों को नियुक्त किया गया। पंवार ने कहा कि ये नियुक्तियां केवल नियमों का उल्लंघन नहीं हैं, बल्कि अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने का प्रयास भी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्त किया गया, उनमें से कई अब उच्च पदों, जैसे जीएम और डीजीएम तक पहुँच चुके हैं।
बॉबी पंवार ने 2005 में अधिशासी अभियंता पद पर सीधी भर्ती के मामले पर भी सवाल उठाए, जिसका कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने बताया कि इस भर्ती के बाद दो सहायक अभियंताओं को पदोन्नति दी गई, जिसमें से एक ने 2006 में इस्तीफा दे दिया, लेकिन उसके स्थान पर नियमों की अनदेखी कर एक अन्य व्यक्ति को नियुक्त कर दिया गया, जो आज एक परियोजना का प्रमुख है। पंवार का कहना है कि इस प्रकार की अनियमित नियुक्तियों से बेरोजगार युवा सवाल उठा रहे हैं कि उन्हें भी ऐसी नौकरियों का अवसर क्यों नहीं दिया जा रहा है।
बॉबी पंवार ने इस मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर यह जांच नहीं की गई तो उन लोगों की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए, जिन्होंने इन अवैध नियुक्तियों का लाभ उठाया। उन्होंने बताया कि इस मामले पर चर्चा के लिए वह ऊर्जा सचिव से मिलने सचिवालय गए थे, लेकिन यूपीसीएल के एचडी के सेवा विस्तार को लेकर विवाद के कारण उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। इसलिए अब उन्होंने जनता के सामने इस मुद्दे को लाने का फैसला किया है। पंवार ने चेतावनी दी है कि यदि इस तरह की नियम-विरुद्ध नियुक्तियां प्रदेश में जारी रहीं तो वह इसे न्यायालय तक लेकर जाएंगे।