
नई दिल्ली, 14 जून – टेस्ट क्रिकेट को क्रिकेट का सबसे चुनौतीपूर्ण प्रारूप माना जाता है, जहां खिलाड़ी की तकनीक, मानसिक मजबूती और खेल के प्रति समझ की कड़ी परीक्षा होती है। खासकर विदेशी दौरों पर, परिस्थितियां और पिचें मेहमान टीमों के लिए चुनौती का कारण बन जाती हैं। ऐसे में कोई भी बल्लेबाज यदि विदेश में शतक लगाता है, तो यह उसकी प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण होता है। भारत के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने अपने प्रदर्शन से यह साबित किया है कि वे विदेशी धरती पर भी दमखम से खेल सकते हैं।
तीन प्रमुख SENA देशों में शतक लगाने वाले पहले भारतीय ओपनर
SENA देशों – दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया – में भारतीय बल्लेबाजों को अक्सर संघर्ष करते देखा गया है, विशेषकर सलामी बल्लेबाजों को। लेकिन केएल राहुल एकमात्र ऐसे भारतीय सलामी बल्लेबाज हैं जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक बनाए हैं। यह उपलब्धि उन्हें भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक खास स्थान देती है।
ऑस्ट्रेलिया में धमाकेदार शुरुआत
केएल राहुल ने अपने करियर की शुरुआत में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने दूसरे टेस्ट मैच में सिडनी की कठिन पिच पर 110 रन बनाकर सभी को चौंका दिया। उस समय ऑस्ट्रेलिया की टीम बेहद मजबूत मानी जाती थी, और राहुल की यह पारी उनकी तकनीकी कुशलता और संयम का प्रतीक बनी।
लॉर्ड्स में ऐतिहासिक शतक
2021 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में राहुल ने 129 रनों की यादगार पारी खेली, जिसने भारत को एक शानदार जीत दिलाई। यह प्रदर्शन उन्हें इंग्लैंड में दो टेस्ट शतक लगाने वाले केवल पांच भारतीय ओपनरों में शामिल करता है। इससे पहले 2018 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 149 रन बनाए थे, हालांकि भारत उस मैच को मामूली अंतर से हार गया था। यह चौथी पारी में किसी भी ओपनर द्वारा इंग्लैंड की धरती पर छठा सबसे बड़ा स्कोर था।
सेंचुरियन में साहसी बल्लेबाजी
राहुल की सबसे कम सराही गई, लेकिन तकनीकी रूप से बेहतरीन पारियों में से एक 2021 में दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन टेस्ट में आई। उन्होंने कठिन परिस्थिति में 260 गेंदों पर 123 रन बनाए, जिससे भारत ने सीरीज की इकलौती जीत हासिल की।
विदेशी दौरों पर स्थायी छाप
केएल राहुल ने SENA देशों में अब तक 26 मैचों (50 पारियों) में 1,446 रन बनाए हैं। उनका औसत 29.51 है और इसमें 5 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राहुल एक ऐसे सलामी बल्लेबाज हैं जो कठिन हालातों में भी टीम को स्थायित्व दे सकते हैं।
केएल राहुल का विदेशी पिचों पर प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय है। जहां भारतीय बल्लेबाज विदेशी धरती पर जूझते रहे हैं, वहीं राहुल ने अपनी तकनीक, धैर्य और जज्बे से खुद को साबित किया है। उनकी पारियां सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत हैं।