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Pitra Paksha 2024: 15 दिनों तक धरती पर रहते हैं पूर्वज, 2 अक्टूबर को विदा—इन तरीकों से कर सकते हैं पितरों को प्रसन्न

Pitri Paksha: Ancestors live on earth for 15 days, depart on 2 October - You can please your ancestors in these ways

पक्ष के 15 दिनों के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन विदा हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में जो लोग अपने पितरों को प्रसन्न करते हैं, वे परिवार को सुख, शांति, और समृद्धि का आशीर्वाद देकर जाते हैं। पितृ पक्ष के इन दिनों में किए गए कर्मकांड और दान-पुण्य से जीवन की कठिनाइयां भी समाप्त हो सकती हैं।

पितरों को प्रसन्न करने के आसान तरीके

बहुत से लोग पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों के लिए दान, पिंडदान और अन्य कर्मकांड करते हैं। लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं, जिनके पास धन की कमी होती है, जिससे वे सोचते हैं कि पितरों को खुश करना उनके लिए मुश्किल है। धर्माचार्य बताते हैं कि बिना धन खर्च किए भी पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है।

क्या करें:

1. पितरों का स्मरण: अगर आप दान या अन्य कर्मकांड नहीं कर सकते हैं, तो प्रतिदिन अपने पितरों का ध्यान करें और उनके मोक्ष की कामना करें। गीता का पाठ करना या सुनाना भी एक प्रभावी तरीका है।
2. प्यासों को पानी पिलाएं: अमावस्या के दिन प्यासे लोगों को पानी या कोई मीठा पेय पिलाएं। इसके अलावा, पशु-पक्षियों को दाना देना भी एक अच्छा तरीका है।
3. आंसुओं के जरिए तर्पण: अगर आप किसी अन्य तरीके से श्राद्ध नहीं कर सकते, तो नदी किनारे या किसी पवित्र स्थान पर खड़े होकर सूर्य देव को जल अर्पित करें और अपने पितरों की याद में उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए आंसू बहाएं।

सर्व पितृ अमावस्या पर तर्पण

2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या है, जो पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। अगर आप पूरे पितृ पक्ष में श्राद्ध नहीं कर पाए हैं, तो केवल अमावस्या के दिन तर्पण कर सकते हैं।

तर्पण की विधि:

– सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
– सूर्य देवता को जल अर्पित करें और दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तर्पण करें।
– तर्पण के लिए हाथ में कुश और काले तिल लें, जौ का भी उपयोग किया जा सकता है।
– तर्पण करते समय पूर्वजों के लिए शांति और मोक्ष की प्रार्थना करें।

अमावस्या का समय

अमावस्या 1 अक्टूबर को रात 9:39 पर शुरू होगी और इसका समापन 3 अक्टूबर को रात 12:18 बजे होगा। इसलिए **2 अक्टूबर** को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विधिपूर्वक तर्पण करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस अमावस्या पर तर्पण, दान और प्रार्थना करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो परिवार को समृद्ध और खुशहाल बनाता है।

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