
इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच जारी भीषण संघर्ष में एक और मोड़ आया है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक, इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने हिज़बुल्लाह को बड़ा झटका देते हुए संगठन के एरियल कमांडर मुहम्मद हुसैन सरूर को मार गिराया है। इजरायल ने यह सटीक हमला लेबनान की राजधानी बेरूत के दहिह इलाके में किया, जिसे हिज़बुल्लाह का गढ़ माना जाता है।
IDF का बयान
इजरायली रक्षा बलों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए लिखा, “हमारे सटीक हमले में हिज़बुल्लाह के हवाई कमान के प्रमुख **मुहम्मद हुसैन सरूर** को मार दिया गया है।” उन्होंने आगे बताया कि सरूर इजरायली नागरिकों पर कई हवाई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था। वह लंबे समय से दक्षिणी लेबनान में **यूएवी (ड्रोन) तकनीक** के विकास और हिज़बुल्लाह के लिए घातक हमलों की योजना बनाने में सक्रिय था।
बेरूत में तबाही
IDF के हमलों में बेरूत के दहिह इलाके में भारी नुकसान हुआ। इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इन हमलों में दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हालांकि, अब तक हिज़बुल्लाह की तरफ से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
हिज़बुल्लाह के हवाई हमलों का मास्टरमाइंड
मुहम्मद हुसैन सरूर ने कई वर्षों से इजरायली नागरिकों और सैनिकों पर हवाई हमले किए थे। उन्होंने यूएवी और विस्फोटक उपकरणों के माध्यम से हमले किए और लेबनान के विभिन्न हिस्सों में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल यूनिट का भी नेतृत्व किया। सरूर को हिज़बुल्लाह के हवाई हमलों का प्रमुख योजनाकार माना जाता था, जिसने संगठन की हवाई क्षमताओं को मजबूत किया था।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक प्रयास
इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए इजरायल-लेबनान सीमा पर 21 दिन के युद्धविराम का आह्वान किया है। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन III, ब्रिटिश रक्षा सचिव जॉन हीली और ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने इस योजना के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। पेंटागन की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस कूटनीतिक पहल का उद्देश्य युद्ध को और अधिक बढ़ने से रोकना और इजरायल व लेबनान के बीच शांति स्थापित करने का प्रयास करना है।
इस तनावपूर्ण माहौल में इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच संघर्ष तेज हो चुका है, जबकि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे रोकने के लिए कूटनीतिक समाधान की ओर देख रहे हैं।